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छाया- विरेन्द्र सिंह।
भीषण गर्मी में हर वर्ष आग की धूणी ( ढेरों ) के बीच अग्नि तपस्या करते हैं बाबा राजेंद्र राठी।
जनकल्याण एवं कोरोना से मुक्ति के लिए आग के ढेरों के बीच अग्नि तपस्या कर रहे हैं बाबा राजेन्द्र राठी।
17 सालों से भीषण गर्मी में आग के ढेरों के बीच अग्नि तपस्या कर रहे हैं बाबा राजेन्द्र राठी।
जग ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा की जाती है निरंतर जरूरतमंद लोगों की सेवा
तपस्या से ही होता है भगवान का अहसास : बाबा राजेंद्र राठी।
कुरुक्षेत्र, 7 जून : भीषण गर्मी मौसम में आग की धूणी ( ढेरों ) के बीच बैठने की कोई आम आदमी सोच भी नहीं सकता है लेकिन धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के गांव बिजड़पुर में हजरत पीर मौला बक्श की दरगाह और साथ स्थित दुर्गा स्वरूपा माता लाडो रानी के दरबार के गद्दीनसीन बाबा राजेंद्र राठी पिछले 17 वर्षों से दो महीनों की भीषण गर्मी में आग की धूणी (ढेरों) के बीच अग्नि तपस्या कर रहे हैं। आजकल तो बाबा राजेंद्र राठी जनकल्याण एवं कोरोना से मुक्ति के लिए 41 दिन के प्रण के साथ आग के बीच कठोर तप कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की चौथी पीढ़ी इस कड़े तप को कर रही है। बाबा राजेंद्र राठी से इस भीषण गर्मी के बीच आग में बैठने के साहस बारे पूछा तो उन्होंने बताया कि यह तपस्या केवल वे जनकल्याण के लिए कर रहे हैं। वह 44-45 डिग्री तापमान में जनकल्याण के लिए हर वर्ष अग्नि तपस्या करते हैं। उन्होंने बताया कि यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इस तपस्या के लिए प्रभु कृपा होती है और हमारा कर्म होता है। जग ज्योति दरबार में कोई खाली हाथ वापिस नहीं लौटता है। बाबा राठी ने बताया कि जग ज्योति चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कोरोना संक्रमण में दरबार के आशीर्वाद से गरीबों और असहाय लोगों को अन्न तथा राशन वितरित किया जाता है। कोरोना काल में भोजन के अलावा मास्क व सैनिटाइजर निरंतर कुरुक्षेत्र, शाहबाद व अम्बाला इत्यादि क्षेत्रों वितरित किए गए। इसी के साथ कोरोना प्रभावित लोगों के सहयोग के लिए कुरुक्षेत्र के सांसद नायब सैनी के माध्यम से प्रधानमंत्री राहत कोष में 51-51 हजार रुपए के चेक दिए। उन्होंने कहाकि ऐसी कामना है कि सभी लोगों को फिर से सुख के दिन मिलें। गौ माता की बेकद्री हो रही है और पाप भी अपनी चरम सीमा पर है। यही कारण है कि कोरोना जैसी महामारी आई है। मंदिर मस्जिद में जाने से पहले अपने माँ पिता की पूजा अवश्य करें। उन्होंने कहाकि कुछ लोग सवाल करते हैं कि भगवान कहां है तो उनका जवाब होता है कि तपस्या करने से ही भगवान का अहसास होता है। भगवान तो अपने चाहने वालों को इस तपती आग में भी ठंडी हवाओं का अहसास करवाते हैं। बाबा राजेंद्र राठी ने कहाकि वे अपने तप में भगवान से कामना करते हैं कि सभी की जायज दुआएं कबूल हों और जायज कार्य हों।
भीषण गर्मी में आग के ढेरों के बीच तप करते हुए बाबा राजेंद्र राठी तथा मौजूद साध संगत।