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प्रभाकर चौधरी पूर्व कप्तान के जाते ही पुलिस व अवैध खनन माफिया बेलगाम,कई बच्चों की मौत के बाद भी अवैध मिट्टी की ट्राली लेकर फिर थाना क्षेत्रों में हुए सक्रिय प्रशासन मौन
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : सीबीगंज ,अवैध मिट्टी और बालू का खनन करते खनन माफियाओं के हौसले पस्त होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ऐसा लगता है कि समय – समय पर खान अधिकारी द्वारा धर पकड़ का उन पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। क्योंकि उन्हे थाना पुलिस का तो डर ही नहीं है ऐसा इसलिए है क्योंकि थाने के सामने से होकर गुजरने वाली अवैध मिट्टी और बालू की टैक्टर ट्रालियों को शायद ही कभी पुलिस ने रोका हो, हां पुलिस तब जरूर रोकती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है और कार्यवाही भी की जाती है। इसका साफ अर्थ है कि पुलिस बगैर हादसे के किसी अवैध मिट्टी, बालू खनन के वाहन को नहीं रोकेगी । वहीं थाना पुलिस का कहना है कि खनन रोकने के खान अधिकारी तथा उपजिलाधिकारी के पास टीम बनी हुई है,जोकि अवैध बालू, मिट्टी खनन रोकने के लिए बनाई गई है। अगर यह आला अधिकारी फोन या आदेश जारी करते हैं या थाना पुलिस की मांग करते हैं। तब उन्हें तुरन्त पुलिस फोर्स उपलब्ध कराया जाएगा । तथा जिले पुलिस विभाग वरिष्ठ आलाधिकारी अवैध बालू, मिट्टी खनन का आदेश करेंगे । तब थाना पुलिस हरकत में आकर बैरिकेटिंग कर चैकिंग अभियान चलाती और पूरी तरह से अवैध बालू, मिट्टी खनन को बन्द करा देती है।
वहीं खान विभाग इस मामले पर कई बार कार्यवाई कर चुका है। जानकारी के अनुसार मामला सीबीगंज क्षेत्र के गांव सनैयारानी, घूंसा ,गोविंदापुर, सनौआ, सरनिया धनसिंह, बादशाह नगर,रोठा, तथा गौतारा आदि क्षेत्रों से अवैध बालू और मिट्टी की अवैध ट्रैक्टर – ट्रालियां अब अंधेरे में भी अपना कारोबार करने लगे हैं । अवैध खनन माफिया लाखों रूपए कमाकर माला – माल हो रहे हैं। और सरकार को लाखों रुपए रोजाना का राजस्व का नुक़सान हो रहा है। सुबह नौ बजे तक अपना काम कर ये खनन माफिया अगले दिन की तैयारी में जुट जाते हैं । इधर उधर घूम कर मिट्टी और बालू का सौदा तय करते हैं, और शाम ढलते ही अवैध मिट्टी और बालू का काम पूरा करने में लग जाते हैं। और अब तो खनन माफिया रात्रि ग्यारह बजे से रात्रि चार बजे तक अवैध बालू व मिट्टी खनन करके उपजाऊ खेती की जमीन को बंजर बना रहे हैं और वहीं कुछ किसानों का कहना है जब हमारे पड़ोस के खेत की मिट्टी खोद ली जाती है तो हमें भी मजबूरी में अपने खेतों से मिट्टी कम दामों में खनन माफियाओं को बेचने पड़ती है। वहीं राज्य सरकार के सख्त निर्देश हैं कि खेती की उपजाऊ भूमि से किसी भी कीमत मिट्टी को न बेचा जाए और बिना रॉयल्टी जमा किए किसी को भी खनन नहीं करने दिया जाए। लेकिन यहां तो जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। वहीं अवैध बालू व मिट्टी खनन को लेकर क्षेत्रीय जनता में उत्तर- प्रदेश सरकार तथा जनपद के पुलिस प्रशासन व शासन के प्रति काफी रोष व्याप्त है। अब देखना है कि जनपद के आलाधिकारी इस अवैध बालू व मिट्टी खनन रोकने तथा खनन माफियाओं की ट्रैक्टर-ट्रालियों से होती मौतों को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।