हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : आयुष विवि के अन्तर्गत श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल में जलनेती व सूर्य नमस्कार कार्यशाला के दूसरे दिन प्रशिक्षुओं को सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया। कार्यशाला में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। स्वस्थवृत विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा ने कहा कि योग द्वार व्यक्ति अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने के साथ ही सुंदर काया का स्वामी बन सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य से ही विचार भी सात्विक बनते हैं। सुंदर विचारों से पारिवारिक व सामाजिक जीवन यात्रा शांति खुशी और ऊर्जा से भरी होती है। योग हमें बैठने का तरीका, प्राणायाम और ध्यान संयुक्त रूप से सिखाता है। इसलिए नियमित रूप से अभ्यास करने वाले साधक को असंख्य लाभ प्राप्त होते हैं। योग शिक्षक शिरोमणि योगेंद्र कुमार ने सुक्ष्म व्यायाम के बाद सूर्यनमस्कार और जलनेती क्रियाओं का अभ्यास कराया। कार्यशाला के अन्त में डॉ. शीतल सिंगला ने सूर्य नमस्कार के लाभ बताते हुए कहा कि सूर्य नमस्कार श्वास और आसनों का योग है। जिसमें 12 बीज मंत्रों के साथ ही बारह स्थितियां होती हैं। यह पूर्ण रूप बीमारियों से व्यक्ति का बचाव करता है। इसके करने से शरीर ऊर्जावान, तरोताजा और लचीला बनता है। सूर्य नमस्कार मन और दिमाग दोनों को शांत कर तनाव को कम करने में सहायता करता है। इसके साथ ही नियमित रूप से योगाभ्यास इतनी समझ देता है कितनी मात्रा में प्रतिदिन भोजन करना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र चौधरी, डॉ. विजेंद्र तोमर, पीजी स्कोलर, छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित रहे।