बिहार:टेलीमेडिसीन सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

टेलीमेडिसीन सेवा से ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

  • विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीज़ों को दी जा रही हैं जानकारी, दोपहर तक लगभग 350 मरीजों की मिला परामर्श: डीआईओ
  • ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी से मरीजों को सहूलियत: डीपीएम
  • वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है टेलीमेडिसीन: लाभार्थी

पूर्णिया

स्वास्थ्य सेवाओं को पहले से बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही नई-नई तकनीक के सहारे चिकित्सा मुहैया कराते हुए आधुनिक तौर तरीके का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ एसके वर्मा ने बताया जिले में ई-संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा की शुरुआत हो चुकी है। जिसका सीधा लाभ आरोग्य दिवस के अवसर पर मरीजों को मिल रहा है। बुधवार को हुई टेलीमेडिसिन सेवा के लिए जिले में 32 हब और 462 स्पोक्स बनाये गए जिसमें मरीजों को वीडियो कॉल के माध्यम से चिकित्सकीय पराशर्म दी जा रही हैं। इसके साथ हीं ऑनलाइन प्रिस्क्रिप्शन भी लिखा जा रहा है जिसके अनुसार मरीजों को एएनएम द्वारा आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जाती है।

विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा मरीजों को जा रही हैं जानकारी: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया जिले में ई-टेलीमेडिसीन की शुरुआत होने से आम लोगों को घर के नजदीक ही स्वास्थ्य केंद्रों में मिलने वाली सुविधाएं मिल रही हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 32 चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है। जिनके द्वारा जिलेवासियों को टेलीमेडिसीन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। बुधवार को आयोजित टेलीमेडिसिन कार्यक्रम में दोपहर तीन बजे तक 318 मरीजों को चिकित्सीय सेवा उपलब्ध कराई गई थी। डीआईओ ने बताया कि इसके बाद भी परामर्श कार्य जारी रहा। ज़िले के सभी वीएचएसएनडी (विलेज हेल्थ सैनिटेशन एंड न्यूट्रिशन डे) साइट्स पर एएनएम द्वारा लोगों को टेलीफोन या मोबाइल के माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों से बातचीत के दौरान मरीजों के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी चिकित्सकों द्वारा ली जा रही हैं। इसके साथ ही उन्हें इलाज के लिए आवश्यक उपचार एवं दवा खाने के लिए परामर्श भी दिया जा रहा है। उसके बाद स्थानीय एएनएम द्वारा लाभार्थी मरीज को चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। जब से इस तरह के अभियान शुरुआत की गई है उस समय से मरीजों को अन्य तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो गयी है।

ई-टेलीमेडिसीन कंसल्टेंसी से मरीजों को सहूलियत: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने का उद्देश्य और लोगों को सीधे तौर पर इसका लाभ देने के लिए ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा ई- टेलीमेडिसीन कंसल्टेशन की शुरुआत की गई है। पिछले सप्ताह इस अभियान के क्रियान्वयन की जांच के लिए ड्राई रन चलाया गया था। उस समय ज़िले के सभी क्षेत्रों के मरीजों को सीधे तौर पर चिकित्सकों से ऑनलाइन के माध्यम से जोड़ा गया था। जिससे चिकित्सकीय सहायता की अद्दतन जानकारी मिल सके। इस अभियान के शुरू होने से जिलेवासियों को काफी सहूलियत मिलने लगी है। वीएचएसएनडी सत्र पर टेलीमेडिसीन से चिकित्सको से परामर्श के दौरान हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं, अति कुपोषित बच्चों आदि के लिए रेफरल सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएगी। इसके अलावा पैथोलॉजी सुविधा, एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।

वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है टेलीमेडिसीन: लाभार्थी
बैसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में केयर इंडिया की ओर से पदस्थापित बीएम रोहित सिंह ने बताया कि जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र बैसा प्रखंड के खुशलपुर गांव निवासी महम्मद मोजिब की 43 वर्षीय पत्नी राहेला ने अपने निकटतम रायबेर एचएससी पर कार्यरत एएनएम कोमल कुमारी से फोन के माध्यम से चिकित्सीय सलाह लेने के बाद इस तरह की सुविधाओं को ग्रामीण के पक्ष में एक सार्थक पहल बताया है। क्योंकि घर बैठे इस तरह की सुविधाएं मिलना किसी सपने को साकार करने जैसा लग रहा है। क्योंकि सुदूरवर्ती गांव के लोगों को इस सेवा से काफी लाभ मिलने लगा है। जिले में कुछ वैसे भी क्षेत्र हैं जहां से स्वास्थ्य केंद्रों की दूरी ज्यादा होने के साथ ही हर समय चिकित्सीय सलाह लेना मुश्किल लगता था लेकिन अब तो घर बैठे फोन करके भी सलाह या दवा मिलनी शुरू हो चुकी है। ऐसे में टेलीमेडिसीन यहां के लोगों के लिए वास्तव में संजीवनी साबित हो रही है।

आइये जानते हैं कि आखिरकार टेलीमेडिसीन कंसल्टेशन है क्या:
जिला स्वास्थ्य विभाग की डीपीसी निशि कुमारी ने बताया कि टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन एक तरह की स्वास्थ्य सुविधा है। जिसके माध्यम से मरीज सीधे तौर पर ऑनलाइन माध्यम से अपने रोग से संबंधित विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ जुड़ कर चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे। क्योंकि राज्य के कई ऐसे ग्रामीण इलाके हैं जहां पर मरीजों को इलाज के लिए कोसों दूर जाना पड़ता था लेकिन अब इस समस्या को दूर करने के लिए अब किसी भी बीमारी से संबंधित मरीज सीधे तौर पर ऑनलाइन के माध्यम से जुड़कर चिकित्सकों से सलाह लें सकते हैं। वहीं चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से ही संबंधित मरीजों को दवा बतायी जाएगी। उसके बाद संबंधित स्वास्थ्य केंद्र से ही मरीजों को निःशुल्क दवा उपलब्ध करायी जाएगी।

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