हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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महंत रविंदर पुरी जी महाराज को अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष बनने पर समस्त संत समाज ने दी बधाई किया जोरदार स्वागत।
दिल्ली 25 नवंबर :- गीता कालोनी पुरानी दिल्ली के प्राचीन लक्ष्मीनारायण मन्दिर में श्री 108 ब्रह्मलीन बाबा गुरु स्वामी शुकदेव गिरि जी महाराज की 33 वीं पुण्यतिथि पर एवं सदगुरुदेव श्री 108 स्वामी सर्वानंद गिरि जी की 13 वीं पुण्य स्मृति पर भक्ति वेदान्त सम्मेलन एवं मूर्ति प्रतिष्ठा समारोह महंत बंशी पुरी जी महाराज श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सानिध्य अध्यक्षता में संपन्न हुआ। संत महामंडल की अध्यक्षा महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज के सानिध्य में भक्ति वेदान्त सम्मेलन में संत समाज ने अहम भूमिका निभाई।
उत्तरभारत के प्रख्यात यज्ञाचार्य डा. अभिषेक कुश के मार्गदर्शन में विद्वान ब्राह्मणों द्वारा यज्ञ अनुष्ठान संपन्न करवाया गया।
इस अवसर पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंदर पुरी जी महाराज को अध्यक्ष बनने पर संत महामंडल , षडदर्शन साधुसमाज, भारत साधुसमाज व समस्त संत समाज ने महंत रविंदर पुरी जी को बधाई के साथ गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के आचार्य महामंडेलश्वर स्वामी विशोकानंद भारती, महामंडेलश्वर शिवानंद पुरी,भारत साधुसमाज के प्रदेशाध्यक्ष महंत बंशी पुरी , विभिन्न अखाड़ों के महंत जूना अखाड़ा, उदासीन , वैरागी,निर्मल अखाड़ा इत्यादि शामिल रहे।
कार्यक्रम में राधेश्याम पुरी, महंत सर्वेश्वरी गिरि, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, अनूप गिरि, रोशन पुरी,लक्ष्मीनारायण पुरी ,विवेक पुरी, केशव गिरि यमनोत्री, रंगनाथ पुरी, अरुणाय से स्वामी वेद पुरी, कृष्णा पुरी, हरिशंकर पुरी इत्यादि सैंकड़ों की संख्या में संत समाज इक्ट्ठा हुआ।
संत महामंडल की अध्यक्षा महामंडेलश्वर स्वामी विद्यागिरि जी महाराज का स्वप्न था की मन्दिर परिसर में मूर्ति स्थापना करवाना उनका स्वप्न विद्यागिरि जी महाराज ने त्रिदेवी महालक्ष्मी महासरस्वती महाकाली अष्ठ धातु की प्रतिमा और वैष्णवी विद्या मां पीतांबरा भगवती बगुलामुखी की स्थापना कर गुरुदेव महाराज के स्वप्न को साकार रूप दिया।
अनुष्ठान समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया व संत महात्माओं से आशीर्वाद प्राप्त किया।