हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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असाध्य रोगों के निवारण के लिए इस दिन की अहम भूमिका।
कुरुक्षेत्र :- आश्विन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 19 अक्तूबर 2021 को सायं 7: 0 5 बजे होगा व चंद्रोदय शाम को 5 : 21 बजे होगा। इसका समापन अगले दिन 20 अक्तूबर 2021 को रात्रि 8 : 28 बजे होगा व चंद्रोदय शाम को 5 : 49 बजे होगा। इस दृष्टि से शरद पूर्णिमा पर जो खीर का प्रसाद बनाने का कार्य 19 अक्टूबर 2021 को होगा क्योंकि चन्द्र विधि इस दिन ज्यादा अधिक है और 20 अक्टूबर 2021 के दिन उस खीर को प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जा सकता है।
कहते हैं कि इस दिन रात में खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखने से चन्द्रमा द्वारा प्राप्त सभी ग्रहों की औषधीय गुणों से युक्त ऊर्जा इस खीर में परिवर्तित हो जाती है।
समुद्र मंथन से शरद पूर्णिमा के दिन भगवती आदिशक्ति महालक्ष्मी के प्राकट्य के पश्चात इसी दिन उनका भगवान श्री विष्णु से विवाह हुआ था। हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत माना गया है।
भगवान श्री कृष्ण और राधा की अद्भुत रासलीला का आरंभ भी शरद पूर्णिमा के दिन माना जाता है।
असाध्य रोग निवारण में इस अवसर को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है व धन तेरस के दिन धनवंतरी जयंती के दिन भी रोग निवारण के लिए विशेष अनुष्ठान चिकित्सकों के चिकित्सक भगवान शिव की आराधना रुद्राभिषेक विशेष विधि द्वारा किया जाता है।