ब्यूरो चीफ सैयद हामिद अली
बाल कल्याण समिति की बडी कार्रवाई , दरगाह क्षेत्र से उपेक्षित 15 बालक बालिकाओं को किया शैल्टर
जायरीन, स्थानीय नागरिकों तथा दुकानदारों को बाल अधिकार के बारे में किया जागरुक, बांटे पंपलेट
अजमेर। बाल कल्याण समिति ने शुक्रवार को दरगाह क्षेत्र में बडी कार्रवाई करते हुए बाजार में भिक्षावृत्ति, बालश्रम तथा उपेक्षित स्थिति में 15 बालक बालिकाओं को पकडा है। सभी बच्चों को शैल्टर कर दिया है। दरगाह क्षेत्र जैसे संवेदनशील इलाके में बाल कल्याण समिति की बालश्रम व बाल अपराध विरोधी कार्रवाई से क्षेेत्र में लंबे समय से बालक बालिकाओं से भिक्षा मंगवा रहे अभिभावकों के बीच खलबली मच गई। बाल कल्याण समिति समिति अध्यक्ष अंजलि शर्मा, सदस्य अरविंद मीणा, राजलक्ष्मी करारिया, तबस्सुम बानो, रुपेश कुमार तथा कार्ययोजना के प्रभारी बाल संक्षेपण ग्रह के अधीक्षक अभिलाष गुजराती ने दरगाह क्षेत्र की पुलिस प्रशासन के साथ इस संबंध में बैठक की और क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति तथा नशे की लत में जकडे बच्चों के बारे में चर्चा की। बैठक में दरगाह वृत पुलिस उपअधिक्षक , दरगाह थानाधिकारी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि राष्टीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार अजमेर जिले को बाल शोषण, बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम से मुक्त रखने की कार्ययोजना के अंतर्गत दरगाह और पुष्कर जैसे पर्यटन केन्द्रों पर बाल कल्याण समिति अभियान चलाए हुए है। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को दरगाह बाजार क्षेत्र में 15 बालक बालिकाओं को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जो उपेक्षित स्थिति में थे। सभी को शैल्टर किया गया है साथ ही समिति ने दरगाह क्षेत्र का दौरा कर वहां जायरीन और स्थानीय नागरिकों को बाल अधिकारों के प्रति जागरुक करने हेतु पंपलेट बांटे और जायरीन से यह आग्रह किया कि वे बालक बालिकाओं को भिक्षा नहीं दें और उन्हे शिक्षा की ओर प्रेरित करें। समिति ने ऐसा ही आग्रह स्थानीय निवासियों और दुकानदारो से भी किया कि बालकों को शिक्षित किए जाने का प्रयास करें ताकि आगे चलकर ये बालक अपना भविष्य संवार सकें। समिति अध्यक्ष अंजलि शर्मा ने कहा कि जिन बालकों के अभिभावक समिति की कार्रवाई से मौके पर पहुंचे तो उन अभिभावकों को समझाईश की गई और कहा कि बालकों से श्रम कराकर या भिक्षा मंगवाकर उनका भविष्य खराब नहीं करें। सभी अभिभावकों को शपथ भी दिलाई गई और बालकों को शिक्षित करने का संकल्प करवाया। शर्मा ने कहा कि जहां भी किसी को बालश्रम या बालभिक्षा दिखाई दे तो वह तुरंत बाल कल्याण समिति को या हेल्पलाईन नंबर 1098 पर कोई भी सूचना दे सकता है।
बालभिक्षा, बालश्रम या बाल मजदूरी और सजा के बारे में जानकारी देते हुए समिति सदस्य अरविंद मीणा ने बताया कि किशोर न्याय बालकों की देख-रेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 76 के तहत किसी बालक लड़का व लड़की को भीख मांगने के लिए नियोजित करना या उनसे भीख मंगवाना दंडनीय अपराध है । इस पर पांच वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। इस प्रावधान में बालक के अभिभावक भी आते हैं। बालक से मजदूरी और बंधुआ मजदूरी भी कानूनी अपराध है। इस अपराध में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी करवाना, होटल, रेस्टोरेट, ढाबे, टी स्टाल और घरेलू नौकर के रूप में कार्य लेना बाल श्रम अधिनियम की अवहेलना में आता है। ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति के लिए बाल श्रम नियम की धारा 14 के अंतर्गत 3 मास से लेकर एक वर्ष तक की सजा और 10 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सजा और जुर्माना इकट्ठे भी किए जा सकते है। इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को बंधुआ मजदूर बनाकर रखना भी कानूनी अपराध है। कोई भी व्यक्ति यदि किसी को बंधुआ मजदूर बनाकर रखता है, तो उसके विरूद्ध बंधुआ मजदूर अधिनियम 1976 की धारा 16 के अंतर्गत तीन वर्ष तक की सजा और 2 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।