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उत्तराखंड देहरादून STF की बड़ी कार्रवाई, इंटरनेशनल व्हाट्सएप नंबर और फर्जी पहचान से करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश

सागर मलिक

उत्तराखंड एसटीएफ साइबर क्राइम पुलिस टीम की बड़ी कार्रवाई –अंतरराष्ट्रीय नंबर और फर्जी प्रोफाइल से IPO व ट्रेडिंग के नाम पर₹7.39 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले आरोपी शादाब हुसैन दिल्ली से गिरफ्तार।

पीड़ित को झांसे में लेने के लिए व्हाट्सएप पर फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबर (इंडोनेशिया आधारित) का इस्तेमाल किया गया।

पीड़ित को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लगभग 7 करोड़ 39 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की गई।

अभियुक्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर खुद को विभिन्न एजेंसियों का अधिकारी बताकर ठगी अंजाम दी।

अभियुक्त को दिल्ली के जामिया मिलिया, ओखला से गिरफ्तार किया गया व अभियुक्त के पास से घटना में प्रयुक्त 02 मोबाइल फोन बरामद हुए।

मामले में अभियुक्त के बैंक खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में कुल 33 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से प्रारंभिक जांच में 04 FIR सामने आए हैं।

ठगी हेतु प्रयुक्त बैंक खातों में कुछ ही दिनों के भीतर करोड़ों रुपये का लेन-देन।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, श्री नवनीत सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि एक प्रकरण देहरादून निवासी द्वारा अगस्त 2025 में दर्ज कराया गया था। पीड़ित को व्हाट्सएप पर इंडोनेशिया के नंबर +6281319835997 से एक लिंक भेजा गया, जिसके माध्यम से वह “M2- Wealth Secrets Exchange Group” नामक ग्रुप में शामिल हो गए। ग्रुप के एडमिन अज्ञात व्यक्ति थे।ग्रुप में शेयर मार्केट और निवेश के नाम पर बड़े मुनाफे का लालच देकर पीड़ित को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

इसके बाद पीड़ित ने Cantillon.App के माध्यम से अपने आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन किया। इसके पश्चात उन्हें दूसरे ग्रुप “ Disciple Team ” में शामिल किया गया, जिसमें IPO और ट्रेडिंग के नाम पर लगातार धनराशि जमा करने के लिए प्रेरित किया गया। Cantillon Capital Management की अज्ञात नामक महिला ने निजी संदेशों के माध्यम से पीड़ित से बैंक खाते में पैसे जमा कराने का निर्देश दिया। पीड़ित ने 22/07/2025 से 20/08/2025 तक लगभग 7 करोड़ 39 लाख 50 हजार रुपये लगभग 15 अलग-अलग बैंक खातों में जमा किए। ऐप में उन्हें यह दिखाया गया कि उनके निवेश से भारी मुनाफा हो रहा है।जब पीड़ित ने 5 करोड़ रुपये निकालने का प्रयास किया, तो उनसे 3 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मांगे गए।

अंतरराष्ट्रीय ब्रोकर होने का बहाना बनाकर पैसे वापस नहीं किए गए, जिससे पीड़ित को यह एहसास हुआ कि यह एक सुनियोजित साइबर ठगी है।अपराध में अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर, फर्जी पहचान और तकनीकी माध्यमों का उपयोग कर मानसिक रूप से पीड़ित पर नियंत्रण बनाया गया। ठगों ने SEBI में कंपनी के रजिस्टर्ड होने के नकली प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किए गए।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन में मामले का प्रवेक्षण अपर पुलिस अधीक्षक श्री स्वप्न किशोर, पुलिस उपाधीक्षक, श्री अंकुश मिश्रा मिश्रा एवं विवेचना श्री आशीष गुसाई निरीक्षक , साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के सुपुर्द कर अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया। प्राप्त डेटा के विश्लेषण से प्रकाश मे आये अभियुक्त शादाब हुसैन पुत्र वाहिद हुसैन, निवासी निवासी 78, परवाना नगर, थाना इज्जतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश के रूप में की गई जो फर्जी प्रोफाइल व अंतरराष्ट्रीय मोबाइल नंबरों उपयोग कर करोडो की साइबर ठगी को अंजाम देने के लिए अलग-अलग नामों से प्रोफाइल व इंटरनेशनल नंबरों का इस्तेमाल किया जाता था इसी क्रम में आरोपी अभियुक्त शादाब हुसैन पुत्र वाहिद हुसैन जामिया नगर, जोगाबाई एक्सटेंशन, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया व साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा न्यायालय में उपस्थित कराकर अग्रिम विवेचनात्मक कार्यवाही विधिक प्रावधानों के तहत की गई।

अपराध का तरीका: – अभियुक्त द्वारा पीडित को अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर और फर्जी पहचान का उपयोग कर पीड़ित को “M2- Wealth Secrets Exchange Group” और “Disciple Team” जैसे निवेश ग्रुप्स में शामिल किया गया। शेयर मार्केट, IPO और ट्रेडिंग के नाम पर भारी मुनाफे का लालच देकर पीड़ित को लगातार बैंक खातों में पैसे जमा करने के लिए प्रेरित किया गया।Cantillon Capital Management की “काया मैडम” नामक महिला द्वारा निजी संदेशों के माध्यम से सीधे संपर्क कर निवेश करने को कहा गया। निवेश ऐप में लाभ का भ्रम दिखाकर पीड़ित का विश्वास बनाया गया।अपराधियों ने नकली SEBI प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए और तकनीकी माध्यमों का उपयोग कर मानसिक रूप से नियंत्रण बनाए रखा। जब पैसे निकालने का प्रयास किया गया, तो अंतरराष्ट्रीय ब्रोकर होने का बहाना देकर राशि वापस नहीं की गई। पूरे अपराध में फर्जी पहचान, तकनीकी साधन और अंतरराष्ट्रीय नंबरों का उपयोग कर सुनियोजित साइबर ठगी की गई।

प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्त द्वारा साइबर अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों में केवल कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपये का लेन-देन होने का तथ्य सामने आया। जांच में यह भी प्रकाश में आया है कि अभियुक्त के बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 33 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से अब तक प्रारंभिक जांच में 04 FIR सामने आए हैं। इसके संबंध में अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर आवश्यक जानकारी एकत्र की जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम व पता – शादाब हुसैन पुत्र वाहिद हुसैन, निवासी 78, परवाना नगर, थाना इज्जतनगर, बरेली, उत्तर प्रदेश ।

गिरफ्तारी का स्थान: अभियुक्त को दिल्ली के जामिया नगर, जोगाबाई एक्सटेंशन क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।

बरामदगी– 02 मोबाइल फोन

गिरफ्तारी पुलिस टीम-
1-निरी0 श्री आशीष गुसाई
2-उ0नि0 श्री कुलदीप टम्टा
3- अपर उ0नि0 श्री गोपाल सिंह
5-कानि0 श्री सुधीश खत्री
4- कानि0 श्री मोहित

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिहं द्वारा जनता से अपील की है कि डिजिटल अरेस्ट एक स्कैम है जो वर्तमान में पूरे भारत वर्ष में चल रहा है, कोई भी सी0बी0आई0 अफसर, मुम्बई क्राईम ब्रान्च, साइबर क्राइम, IT या ED अफसर या कोई भी एजेंसी आपको व्हाट्सएप के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने हेतु नोटिस प्रेषित नहीं करती है। साथ ही कोई व्यक्ति आपको फर्जी दस्तावेज, अवैध सामग्री आदि के नाम पर आपको डरा धमका रहा है या पैसों की मांग कर रहा है तो इस सम्बन्ध में STF/साइबर थानों में अतिशीघ्र अपनी शिकायत दर्ज करायें। उक्त सम्बन्ध में ज्यादा से ज्यादा जागरुक हों। इसके अतिरिक्त किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन कम्पनी की फ्रैन्चाईजी लेने, यात्रा टिकट आदि को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से पूर्ण वैरीफिकेशन व भली-भाँति जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर का नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें । अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आए तो इसकी शिकायत जरूर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर चाक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। आप इस तरह की घटना की शिकायत 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर या http://www.cybercrime.gov.in पर भी दर्ज करा सकते हैं।

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