अधिवक्ता संघर्ष समिति ने अनुमंडलीय सिविल कोर्ट कार्यारंभ को लेकर दिया एकदिवसीय धरना
अररिया
फारबिसगंज अनुमंडल मुख्यालय में बार एसोसिएशन और एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से अधिवक्ता संघर्ष समिति के बैनरतले अधिवक्ताओं ने धरना दिया।धरना दे रहे अधिवक्ता फारबिसगंज अनुमंडल न्यायालय का कार्यारंभ शुरू करने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया।जिसमे बड़ी संख्या में वकीलों ने भाग लिया।अधिवक्ताओं का मांग है कि कोर्ट बिल्डिंग तैयार होने के बावजूद अब तक फारबिसगंज कोर्ट को शुरू नहीं किया गया है,जिससे न्यायार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।न्यायर्थियों को समय के साथ आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ रहा है।जबकि विधि विभाग की ओर से प्राथमिकता की सूची में फारबिसगंज सिविल कोर्ट कार्यारंभ था।
अधिवक्ता संघर्ष समिति के संयोजक सुमन कुमार मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित धरना प्रदर्शन उपरांत अधिवक्ताओं ने विधि मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। धरना पर बैठे वकीलों ने बताया कि 2006 में फारबिसगंज अनुमंडल को न्यायिक अनुमंडल का दर्जा दिया गया था। फारबिसगंज में सिविल कोर्ट की स्थापना को लेकर लोकहित याचिका भी पटना हाई कोर्ट में दायर किया गया था, जिस पर 2008 में पटना हाई कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया था। इसके बाद बिहार सरकार द्वारा 10 कोर्ट रूम, न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए आवास, एमीनूटी हॉल का निर्माण किया गया।इतना ही नहीं निर्मित भवन में अररिया जिला प्रशासन द्वारा 50 लाख की लागत से भवन को आवश्यक संसाधन एवं जनरेटर स्थापित कर सुसज्जित भी किया गया। बावजूद इन सबके फारबिसगंज अनुमंडलीय न्यायालय में कार्य आरंभ नहीं हो पाया है।धरना दे रहे हैं प्रदर्शनकारी वकीलों ने बताया कि विधि मंत्री सहित तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश पी.के. दीक्षित एवं वर्तमान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने भी नवनिर्मित भवन का निरीक्षण कर कार्य आरंभ का आश्वासन पर आश्वासन देते रहे। लेकिन आज तक कार्य आरंभ नहीं हो पाया।वकीलों ने 15 दिनों से भीतर सिविल कोर्ट का कार्य आरंभ करने की मांग की।
वकीलों की ओर से आयोजित धरना प्रदर्शन में राजेश चंद्र वर्मा, राजकुमार झा,अभिनंदन कुमार शशि, राकेश प्रसाद, राहुल रंजन, मोहम्मद सिराजुद्दीन मंसूर, विभूतिकांत झा, यादव कुलानंद सिंह, अब्दुल करीम, सुभाष चंद्र अग्रवाल, दीपक कुमार, ललित मोहन ठाकुर, पद्मानंद मिश्रा सुमन, अबु तालिब,गंगानंद मिश्रा, कृष्ण मोहन मेहता, रामटहल साह, मो. नूरुल, संतोष कुमार दास, प्रमोद कुमार, जय कुमार यादव,टुन्ना दास, अजय कुमार, राणा कुमार रोशन, मोहम्मद कलाम, विनोद कुमार,शमसाद अंसारी, सुरेश कुमार, संजय कुमार सहित बड़ी संख्या में अधिवक्तागण मौजूद थे।