मूलभूत सुविधा यात्रियों को मयस्सर कराने के प्रति रेल प्रशासन उदासीन
अररिया
फारबिसगंज रेलवे स्टेशन राजस्व देने के बावजूद यात्री सुविधा के नाम से छल कर रही है। सहरसा दरभंगा रेलखंड सीआरएस निरीक्षण के बाद हरी झंडी मिलने के आठ माह के बाद भी चालू नहीं हो पाया है, वहीं दूसरी ओर फारबिसगंज स्टेशन पर आज भी बुनियादी व मूलभूत सुविधाओं की घोर कमी है। बार बार विभिन्न संगठनों और सियासी दलों के प्रतिनिधियों द्वारा रेल प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौपने के बावजूद फारबिसगंज स्टेशन पर यात्री शेड की व्यवस्था नहीं हो सकी। कोलकाता के लिए जाने वाली एक मात्र ट्रेन चितपुर एक्सप्रेस भरे बरसात में रेलवे पलेटफ़ोर्म पर आती है और यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए भरे बारिश में इंतज़ार भी करना होता है और भिंगते भिंगते ट्रेन में चढ़ना होता है।
राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रधान महासचिव ई आयुष अग्रवाल ने कहा कि फारबिसगंज को सिर्फ़ और सिर्फ़ वोट के तौर पर देखकर यहाँ के जनप्रतिनिधि काम कर रहे हैं और पटना से लेकर दिल्ली तक ज़मीनी स्तर के लिए कोई भी काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि बुनियादी सुविधा भी अगर पलेटफ़ोर्म पर उपलब्ध नहीं है तो यह काफ़ी शर्म की बात है। रेलवे के क्षेत्र में फारबिसगंज के लोग निरंतर सक्रिय प्रयास कर रहे हैं परंतु हर तरफ़ से निराशा हाथ लग रही है और इसका ख़ामियाज़ा आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों को देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि फारबिसगंज रेलवे के क्षेत्र में आज जो कुछ भी है वो पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव एवं मरहूम तस्लीमउद्दिन साहब का है। लालू प्रसाद यादव के रेलमंत्री होने के समय ही अररिया ज़िला को दिल्ली एवं पटना के लिए ट्रेन मिल पाया। उन्होंने कहा कि फारबिसगंज से कोलकाता के लिए लोग ख़रीददारी के हिसाब से भी जाते हैं और ख़ासकर महिलाओं को पलेटफ़ोर्म पर शेड न होने के चलते काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
राजद नेता ई आयुष अग्रवाल ने कहा कि फारबिसगंज रेलवे स्टेशन पर शेड बनवाने को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस विषय को अपने स्तर पर दिल्ली में भी उचित जगह पर रखने का प्रयास करेंगे ताकि कुछ चीजें धरातल पर नज़र आ सकें।