बिहार को अभी समाज सुधार से ज्यादा जरूरी है प्रशासनिक सुधार : आप
अररिया
आम आदमी पार्टी (आप) के बिहार प्रदेश प्रवक्ता और जिला प्रभारी चंद्र भूषण ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाज सुधार अभियान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बिहार को फौरी तौर पर सामाजिक सुधार के बदले प्रशासनिक सुधार की ज्यादा जरूरत है।
आप के प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि पिछले तीन महीने के दौरान राज्य में ऐसे कई प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ आय से ज्यादा कमाई और भ्रष्टाचार के मामले प्रकाश में आए हैं जो इस बात का प्रमाण है कि सबसे ज्यादा विकास इन अधिकारियों व कर्मचारियों का हुआ है जबकि राज्य की आम जनता का विनाश ही हुआ है।
श्री भूषण ने कहा कि नीतीश राज में प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और कर्मचारी मालामाल हो रहे हैं जबकि आम जनता कंगाल हो रही है। राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी का हाल नीति आयोग की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है। जिस शराबबंदी, दहेज प्रथा और बाल विवाह को लेकर नीतीश जी समाज सुधार अभियान चला रहे हैं, दरअसल वह प्रशासनिक विफलता को ढंकने और आम आदमी की समस्या के मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं।
जनता ने उन्हें (नीतीश को)शिक्षा, स्वास्थ्य बेरोजगारी जैसी विकराल समस्या को दूर करने तथा प्रशासनिक सुधार के लिए वोट किया था न कि किसी समाज सुधारक राजा राममोहन राय, दयानंद सरस्वती, मदर टेरेसा या बाबाओं जैसे लोगों को वोट किया था। उन्हें जानना चाहिए कि शिक्षा-स्वास्थ,हर हाथ को जबतक काम नहीं मिलेगा और दफ्तरों से बाबूगिरी का कल्चर समाप्त नहीं होगा तबतक समाज सुधार अभियान बेमानी है।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी की विफलता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि महाराष्ट्र, जहां शराबबंदी नहीं है वहां के बाद सबसे ज्यादा शराब की खपत बिहार में होती है। सवाल यह उठता है कि बिहार में जब शराबबंदी है तो यहां सबसे ज्यादा खपत कैसे होती है। चोरी-छिपे शराब का पैसा किन अधिकारियों, कर्मचारियों और पुलिस वालों के पास पहुंचता है, इसकी जांच होनी चाहिए।