केंद्र और राज्य सरकार जनविरोधी,,,,,,,, विधायक जाकिर अनवर
फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
एनडीए की सरकार जुमले बाजो की है इन्हें महंगाई से कोई लेना देना नहीं है यह सरकार गरीबों के लिए नहीं है,पूंजीपतियों के लिए है यह कहना है पूर्व विधायक जाकिर अनवर साहब का। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य सरकार महंगाई को कंट्रोल कर पाने में, फेल हो गया है। दिन-ब-दिन सभी चीजों की दरें आसमान छूती जा रही है। इससे
रसोई का बजट बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि सरसों तेल की कीमत में फिर से बढ़ोतरी जारी है। सरसों तेल 20 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लगातार बढ़ती खाद्य तेल की कीमत से आम लोग परेशान हो रहे है। इसकी कीमत में एक मई से लगातार उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है।कोविड-19 की मार से परेशान आम जनता पर महंगाई की भी चौतरफा मार पड़ रही है। पेट्रोल डीजल से लेकर खाद्य पदार्थो की महंगाई से लोग बेहाल हैं। कोरोना संकट के बीच खाद्य पदार्थो के कीमतों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। सरसों तेल की कीमत में फिर से बढ़ोतरी जारी है। इससे मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। उनकी रसोई का बजट बिगड़ रहा है। हालांकि जुलाई महीना में प्रारंभ में सरसों तेल की कीमतों में हल्की कमी आई थी। मगर यह कमी नाम मात्र की थी। सरसों तेल की कीमत में फिर से बढ़ोतरी जारी है। सरसों तेल 20 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लगातार बढ़ती खाद्य तेल की कीमत से आम लोग परेशान हो रहे है।
वर्ष 2021 की शुरुआत में खाद्य तेल की कीमत सामान्य थी। लेकिन मार्च महीने के बाद इसकी कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हुई और यह 180 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई। बाद में सरकार के स्तर पर पहल के बाद जुलाई माह के प्रारंभ में सरसों तेल कीमत में हल्की कमी आई थी। प्रति लीटर सरसों तेल 15 से लेकर 18 रुपये तक की कमी आई। मगर फिर कीमतों में वृद्धि जारी है। सरसों तेल की कीमत में एक मई से लगातार उतार-चढ़ाव का क्रम जारी है। स्थानीय विक्रेता ने कहा कि सरसों तेल की खरीद कीमत थोक भाव के मुकाबले अधिक है। बाजार में सरसों तेल 195 रूपए से लेकर 200 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। विधायक जाकिर अनवर ने अंत में कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल हो गई है। युवा रोजगार के लिए देश प्रदेश में भटक रहे हैं। यह दोनों सरकार जनविरोधी है।