बिहार:बिहार सरकार ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ सहयोग ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

बिहार सरकार ने बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ सहयोग ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

• अप्रैल 2021 से मार्च 2026 तक सहयोग ज्ञापन रहेगा प्रभावी
• गेट्स फाउंडेशन के सहयोग पर स्वास्थ्य मंत्री ने की ख़ुशी जाहिर

पटना संवाददाता

बिहार सरकार ने मंगलावर को बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ एक सहयोग ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत फाउंडेशन अगले पांच वर्षों के लिए चुनिंदा विभागों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह सहयोग ज्ञापन अप्रैल 2021 से लेकर मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की गरिमामयी उपस्थिति में एमओसी पर हस्ताक्षर किया गया. यह पिछले एक दशक में बिहार में परिवर्तनकारी प्रगति को बनाए रखने के लिए संस्थागत क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। बिहार सरकार और गेट्स फाउंडेशन ने पहली बार 2010 में एक एमओसी पर हस्ताक्षर किया था, जिसे 2016 में नवीनीकृत किया गया और मार्च 2021 तक जारी रखा गया। वर्तमान एमओसी पर हस्ताक्षर करने वालों में मुख्य सचिव, बिहार सरकार त्रिपुरारी शरण और गेट्स फाउंडेशन के भारत के निदेशक हरि मेनन शामिल थे।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पाण्डेय ने कहा, “बिहार सरकार राज्य के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमें तकनीकी विशेषज्ञता और सहायता प्रदान करने में गेट्स फाउंडेशन से निरंतर समर्थन पाकर प्रसन्नता हो रही है क्योंकि हम सामूहिक रूप से बिहार की प्रगति की दिशा में काम कर रहे हैं।”
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा, “यह हमें डिजिटल पब्लिक हेल्थ प्लेटफार्म के संचालन के लिए डिजाइन, निर्माण और तकनीकी सहायता प्रदान करने में मदद करेगा”।
गेट्स फाउंडेशन के निदेशक हरि मेनन ने कहा, “बिहार ने अपनी आबादी के लिए विभिन्न स्वास्थ्य, सामाजिक और विकास संकेतकों में सुधार करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य के साथ इस यात्रा को जारी रखने एवं स्वास्थ्य और पोषण परिणामों में सुधार करने और बीमारी और गरीबी के बोझ को कम करने के लिए आजीविका और गुणवत्ता सेवाओं तक पहुंच को सक्षम करके राज्य के अनुरूप विकास लक्ष्यों को सहयोग करने में हमें ख़ुशी हो रही है।”
एमओसी के माध्यम से गेट्स फाउंडेशन स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण, कृषि और ग्रामीण विकास, विशेष रूप से जीविका, वित्त और योजना विभागों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की है कि सतत विकास लक्ष्यों(एसडीजी-2030) की दिशा में प्रगति सुनिश्चित करने के लिए बिहार राज्य में स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता सेवाओं, कृषि उत्पादकता, वित्तीय समावेशन और लैंगिक समानता की पहुंच, कवरेज, गुणवत्ता और कार्यक्रम घटकों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम आवश्यक हैं।
बिहार सरकार के संबंधित विभागों को तकनीकी-प्रबंधकीय सहायता प्रदान करके मातृ, नवजात, शिशु और बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम करना, एनीमिया सहित मातृ और बाल पोषण में सुधार, स्टंटिंग को कम करना एमओसी का उद्देश्य है. साथ ही तपेदिक, फाइलेरिया एवं कालाजार जैसे संचारी रोगों को खत्म करने और एईएस और कालाजार जैसी बीमारियों में अनुसंधान करने के लिए राज्य की संस्थागत क्षमता का निर्माण करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

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