बिहार: महज पेशा नहीं, समाज के उत्थान व कल्याण का महत्वपूर्ण जरिया है चिकित्सा : डॉ अजय

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस :

महज पेशा नहीं, समाज के उत्थान व कल्याण का महत्वपूर्ण जरिया है चिकित्सा : डॉ अजय

संक्रमित होकर डॉ अजय गंभीर हृदय रोग के हुए शिकार बावजूद मानव सेवा के प्रति समर्पण है जारी
फ्रंट लाइन पर फैमिली डॉक्टर की थीम पर इस बार होगा राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का आयोजन

अररिया

हमारे जीवन में चिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जीना मरना तो ईश्वर के हाथ में है। लेकिन कई बार मुश्किल परिस्थितियों में जब हमारे जान को खतरा होता है। वैसी परिस्थितियों में कई बार चिकित्सक हमारे जीवन रक्षक की भूमिका में नजर आते हैं। शायद इसलिये हमारे समाज में चिकित्सकों को भगवान का दर्जा प्राप्त है। मानव सेवा के प्रति समर्पित चिकित्सकीय पेशा से जुड़े कर्मियों के सम्मान में हर साल 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन उन चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को समर्पित हैं। जो अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं। वैश्विक महामारी के इस दौर में हमारे आस-पास ऐसे कई चिकित्सकों के उदाहरण मौजूद हैं। जिन्होंने अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात मरीजों की सेवा में लगे रहे। इसमें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह का नाम भी शामिल है।

चिकित्सकों के लिये अपने कार्य के प्रति निष्ठावान होना जरूरी :

डॉ अजय अब तक तीन बार गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। बार-बार संक्रमण की चपेट में आने के कारण उन्हें हृदय संबंधी गभीर रोग का शिकार होना पड़ा। बावजूद इसके मानव सेवा के प्रति उनका समर्पण व अपने कार्य व दायित्वों के प्रति उनकी संवेदनशीलता अब तक कहीं से भी प्रभावित नहीं हुई है। बीते एक माह पूर्व अंतिम बार संक्रमण के शिकार होने के बाद उनका हर्ट रेट काफी गिर गया। इलाजरत होने के बावजूद वे सफलता पूर्वक अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर रहे हैं। कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज से लेकर टीकाकरण अभियान की सफलता में वीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह की भूमिका अब तक बेहद महत्वपूर्ण रही है। पूरे महामारी काल में सघन छिड़काव अभियान का संचालन जहां उनके नेतृत्व में किया जाता रहा। वहीं फारबिसगंज अनुमंडल क्षेत्र में महामारी के प्रबंधन व टीकाकरण अभियान के वे नोडल अधिकारी हैं। डॉ अजय कुमार सिंह बताते हैं कि उनके लिये चिकित्सा एक पेशा से कहीं बढ़ कर समाज के उत्थान व कल्याण का जरिया है। चिकित्सकों के लिये अपने कार्य के प्रति निष्ठावान होना जरूरी है।

कर्तव्य के प्रति गैर जिम्मेदार चिकित्सकों लिये है सबक लेने का दिन :

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के संबंध में सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र राय के सम्मान व उनकी याद में प्रति वर्ष 01 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है। फ्रंट लाइन पर फैमिली डॉक्टर इस वर्ष राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का थीम निर्धारित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को चिकित्सकों के महत्व से अवगत कराना है। चिकित्सकों को अपने कार्य के प्रति निष्ठावान, समर्पण व ईमानदार होना जरूरी है। ये वैसे चिकित्सकों के लिये सबक लेने के लिये है। जो मरीजों के मजबूरी का फायदा उठाते हैं। और अपने पेशा के गरीमा को ताक पर रख कर अपने वो तमाम चिकित्सक बिरादरी के सम्मान को प्रभावित करते हैं।

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