जयंती समारोह हुआ संपन्न
अररिया
रविवार को स्थानीय श्री रामकृष्ण सेवा आश्रम अररिया के प्रांगण में भगवान श्री रामकृष्ण परमहंसजी जी के १८७ वॉं जन्मजयंती समारोह सप्ताह का अष्टयाम, नाम-संकीर्त्तन एवं नर-नारायण सेवा के साथ भव्य समापन हुआ। सैकड़ों की संख्या में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने एकसाथ प्रसाद ग्रहण किया।
इस समारोह का शुभारंभ 27 फरवरी को स्कूली बच्चों के बीच हुई विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं के साथ हुई थी जिसमें मोहिनी देवी मेमोरियल स्कूल, अररिया पब्लिक स्कूल, आदर्श विद्या मंदिर, केरला पब्लिक स्कूल सहित अन्य स्कूलों के सौ से भी अधिक बच्चों ने भाग लिया था। जिसमें अव्वल आए बच्चों को ४ मार्च को श्री रामकृष्ण परमहंसजी के जन्म तिथि पुजा के दिन पुरस्कृत किया गया, जिसमें रितिका झा, ऐनी, अपराजिता, मनतसा, आदित्य, कृति, अमिश, मनिकांत, गुड़िया, मनिषा, अक्षत नयन, सौम्य दीप सहित अनेकों बच्चों को पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर आश्रम के संस्थापक महाराज स्वामी महादेवानंदजी के शिष्य एवं अररिया नगर के वरिष्ठ नागरिक श्री वृजमोहन सिन्हा जी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सचिव डा. गौतम मुखर्जी ने इस आश्रम के स्थापना का इतिहास और रामकृष्ण मठ-मिशन के उद्देश्यों से बच्चों को अवगत कराया। पुरे सप्ताह में विशेष रूप से अध्यक्ष श्री संजय प्रधान, दीपा चौधरी, रीना साहा, देवनारायण सेन, बादल दा, अपुदा, मधुमिता मुखर्जी, मौसमी साहा, मुनमुन सिन्हा, मृनाल, अभिनंदन नौटियाल, शशिभूषण झा, दीपक सिन्हा सहित आश्रम के महाराजजी एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रमों को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई। ज्ञात हो कि इस आश्रम की स्थापना सन् १९२५ में परम आराध्य श्री-श्री मॉं शारदामनी देवी के आदेशानुसार उनके शिष्य स्वामी महादेवानंदजी महाराज के कर-कमलो से की गई थी। इस आश्रम की स्थापना का मूल उद्देश्य पराधीन भारत के दबे- कुचले, असहाय, दीन-दरिद्र सहित सभी वर्गों के लोगों के लिए कल्याण कारी कार्य करना। इसके लिए समय समय पर मठ-मिशन से जुड़े विभिन्न महात्माओं एवं महाराजों के कदम अररिया के इस आश्रम की धरती पर पड़े जो आज भी इस संस्था के गौरवमयी इतिहास को याद दिलाती है। इस एैतिहासिक आश्रम (धरोहर स्थल) पर हमारे प्रिय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के कदम भी पड़े हैं, उन्होंने यहाँ की तत्कालीन गतिविधियों एवं सेवा मूलक कार्यों से खुश होकर अतिथि पुस्तक में अपने कर-कमलो से लिखें थे – “मैं इस संस्थान की उन्नति चाहता हूँ” जो आज भी आश्रम में सुरक्षित है। यह आश्रम बिहार-झारखंड रामकृष्ण विवेकानंद भाव प्रचार परिषद की एक अंगीभूत इकाई के तौर पर मान्यता प्राप्त है एवं रामकृष्ण मिशन, वेलूर मठ (कलकत्ता) के द्वारा निर्देशित १० सूत्रीय नियमों का अनुसरण करते हुए संचालित की जा रही है। अब यहॉं से जुड़े हजारों भक्त- जनो की यही तमन्ना है कि १०० वर्षों की दहलीज पे खड़ा इस संस्था को बेलूर मठ के प्रत्यक्ष अंगीभूत इकाई की मान्यता प्राप्त हो जिससे भारतवर्ष के सीमांत मे अवस्थित यह आश्रम श्री रामकृष्ण के भावधारा पर चलते हुए और अधिक लोककल्याणकारी कार्य करने की ओर अग्रसित हो सके और इस छेत्र का सर्वांगीण विकास हो सके।
अररिया फोटो नंबर