संवाददाता अमर कुमार गुप्ता
कटिहार। वैज्ञानिक युग के इस बदलते परिवेश में जहां हमारा देश काफी तरक्की कर रहा है। भारत आज विश्व के मानस पटल पर उन्नत मुल्क में शुमार हो रहा है। हमने जहां कैंप्यूटर व वैज्ञानिक युग में उन्नति का सीढ़ियां चढ़ते हुए चांद पर भी घूम आए हैं। वही आज भी थाना क्षेत्र के कुछ गांवों में आदिम युग के जातीय बंधन से संपूर्ण रूप से मुक्त नहीं हो पाया है। आज भी कई गांव मोहल्लों में जाति बंधन के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। एक ऐसा ही मामला अंतरजातीय विवाह हो जाने पर पंचायत ने बेरहमी से मारपीट करते हुए एक लाख रुपया दंडित कर देने के साथ नहीं देने की स्थिति में गांव छोड़कर भागने का तुगलकी फरमान सुनाने का मामला प्रकाश में आया है। एक ऐसा ही वाकया थाना क्षेत्र के हथवाड़ा पंचायत अंतर्गत आदिवासी गांव के बिहार टोला में घटित हुआ है।
वीओ—– बकौल पीड़ीत मताल हेम्ब्रम ने बताया कि मेरी पुत्री किरण कुमारी की शादी बगल के ही गांव रमनाकॉल के लक्ष्मण लोहार के साथ हमारे समाज के रीति रिवाज के साथ संपन्न हुआ था। हमारी पुत्री ससुराल में पति के साथ खुश थी और पुत्री ने एक बच्ची को भी जन्म दिया मगर एक वर्ष बीत जाने के बाद अब जबकि मेरी पुत्री बाल बच्चे दार हो गई है। तब जाकर गांव के मर्रर सीताराम मरांडी व अन्य द्वारा हमारे घर से जोड़ जबरन खींच कर पंचायत में ले गया। जहां मुझे खूंटे से बांध कर बुधवार की शाम सात बजे से लेकर तीन बजे तक पिटाई करते रहे। और बारिश होने के बावजूद मुझे तीन बजे भोर तक पानी में ही बांधे रखा। इसी दरमियान मर्रर सीताराम मरांडी व उनके सहयोगी सीताराम मरांडी, बबलू टुडू, तल्लू टुडू,शिवलाल किस्कू, राधा किस्कू, गंगाराम किस्कू,छोटे लाल टुडू, लड्डू हेम्ब्रम, मनोज टुडू, बिनोद मरांडी, लखन मरांडी, सोदाम मरांडी, जेठा टुडू, रघुनन्दन मुर्म, बरकू सौरेन, शाम मरांडी, मर्रर का जुत्र सुफल मरांडी, आदि ने मारपीट करते हुए तुगलकी फरमान सुनाया कि पुत्री का अंतरजातीय विवाह करने के जुर्म में तुम्हें पंचायत द्वारा एक लाख रुपया का दंड सुनाया गया है। जिसे तुम जमा करने के बाद ही मुक्त हो सकते हो। अन्यथा की स्थिति में तुम्हें यह गांव छोड़कर भागना पड़ेगा। इतना ही नहीं जुल्म की प्रकाष्ठा तब पार कर गया जब पंचायत में उसे सादे कागज पर अंगूठा निशान लगवा लिया। तदोपरांत पंचायत के तुगलकी फरमान के खौफ से पीड़ित परिवार ने जैसे तैसे फिलहाल ₹30000 जमा करने के बाद पीड़ित को मुक्त किया गया। साथ ही यह भी फरमान सुनाया गया कि इस बीच किसी भी प्रकार की कानूनी शरण में जाने व गांव से बाहर निकलने पर जान से हाथ धोना पड़ेगा। पीड़ित ने बताया कि मैं प्राण जाने के डर से ₹30000 जमा कर छुटा हूं। वही पुत्र संजय कुमार पुत्री किरण कुमारी ने बताया कि हम लोग जब पंचायत में फरियाद करने गए तो हम लोगों को वहां से मर्रर व अन्य ने भगा दिया।पीड़ित परिवार ने कहा कि मुझे अब केवल न्याय पर ही भरोसा है। इसलिए इस तुगलकी फरमान जोर जबरिया हुए इस जुल्म से छुटकारा दिया जाए तथा दोषियों को सजा मिले। वहीं घटना के बाद पीड़ित परिवार भयक्रांत माहौल में जी रहे हैं। वहीं पीड़ित ने आगे बताया कि मामले में आवेदन लेकर थाना जा रहा हूं।मामले में थाना अध्यक्ष उमेश पासवान ने कहा कि इस प्रकार के मामले में किसी तरह का लिखित शिकायत नहीं आया है। आने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
बाइट — पीड़ित व परिजन