बिहार:पेशेंट सपोर्ट ग्रुप फाईलेरिया उन्मूलन मुहिम में शामिल, लोगों को दवा सेवन के लिए कर रहें जागरूक

• अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए आगे आयें फाईलेरिया मरीज

• अब घर-घर जाकर लोगों को कर रहें है जागरूक
•“पेशेंट सपोर्ट ग्रुप” मरीजों के लिए बना चर्चा का प्लेटफार्म

छपरा संवाददाता

छपरा। ‘‘हम लोग जिस दर्द को महसूस कर रहें है, वह दर्द हमारे समाज व गांव के किसी व्यक्ति को नही सहना पड़े इसलिए हम सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए लोगों को जागरूक कर रहे हैं’’। यह कहना है सारण जिले के सोनपुर अनुमंडल के कसमर गांव के फाईलेरिया मरीज रंजीत कुमार, केदार साह, सुशीला देवी का जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए फाईलेरिया से बचाव व एमडीए(सर्वजन दवा सेवन) के प्रति अपने आस-पास के लोगों को जागरूक करने का बीड़ा उठाया है।
जिले में फाईलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को दवा खिला रही है। इस अभियान में हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है। ऐसी परिस्थिति में फाईलेरिया जैसे दर्दनाक रोग की चुनौतियों का सामना कर रहे कुछ मरीजों ने नवीन पहल की है। इस दिशा में फाईलेरिया मरीजों को एक साथ जोड़कर पहली बार पेशेंट सर्पोट ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप के माध्यम से इस क्षेत्र के सभी फाईलेरिया मरीज अपनी समस्याओं पर चर्चा करते हैं। साथ ही मरीजों ने एक दूसरे का सहयोग करने तथा जागरूकता अभियान में अपना योगदान देने का भी संकल्प लिया है।
पेशेंट सर्पोट ग्रुप से मिली प्रेरणा:
सोनपुर के कमसर गांव निवासी रंजीत कुमार ने बताया सीफार संस्था द्वारा उनके जैसे मरीजों के लिए एक पेशेंट सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप का नाम रामजानकी पेशेंट सपोर्ट ग्रुप रखा गया है। यह पहल उनके जैसे अन्य मरीजों के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है। इस ग्रुप के माध्यम से फाईलेरिया के प्रति कई भ्रम भी खत्म हुए हैं। साथ ही सभी को अपनी जिम्मेदारी और अधिकार की जानकारी मिल रही है। इसलिए ग्रुप के सभी लोगों ने एक दूसरे का सहयोग करने का संकल्प भी लिया है।
मैं जो दर्द महसूस करता हूं, वह किसी को नहीं हो:
फाईलेरिया से पीड़ित केदार साह ने बताय वह वर्षों से इस बीमारी से ग्रसित हैं। उनका पांव फाईलेरिया के कारण हमेशा फूला रहता है। इससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
‘‘मैं खुद जिस दर्द को महसूस कर रहा हूं, उस दर्द को मेरे आस-पास व सामाज के किसी भी व्यक्ति को नहीं झेलना पड़े, इसके लिए हमने यह संकल्प लिया है कि आस-पास के लोगों को जागरूक करूंगा’’। इतना कहते हुए केदार साह की आँखों में दर्द की जगह लोगों की सहायता का भाव उभर आता है जो यह विश्वास दिलाता है कि फाईलेरिया जैसी कम ध्यान दी जाने वाली दर्दनाक रोग से जल्द ही समाज को छुटकारा मिल सकता है।
फाईलेरिया की गंभीरता को सबको बताना मेरी जिम्मेदारी:
वर्षों से फाईलेरिया से पीड़ित महिला सुशीला देवी कहती हैं- ‘‘फाईलेरिया को मैने महसूस किया है। मेरी जिन्दगी में क्या-क्या समस्या है यह मै महसूस कर सकती हूं। मुझे पेशेंट सपोर्ट ग्रुप से जो जानकारी मिली है उसे समाज के हर तबके के लोगों को बताना मेरी जिम्मेदारी है। एक महिला होने के नाते भी जहां भी महिलाओं की मीटिंग होती है, वहां मैं इस बात की चर्चा करती हूं कि फाईलेरिया से बचाव के लिए दवा का सेवन जरूरी है। हर किसी को यह समझना होगा कि दवा सेवन से हीं इस बीमारी का बचाव संभव है। सभी से अपील है कि दवा का सेवन जरूर करें’’।
कारगर सिद्ध होगा पेशेंट सपोर्ट ग्रुप:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने कहा सीफार द्वारा फाईलेरिया मरीजों के लिए जो पेसेंट सपोर्ट ग्रुप बनाया गया हैवह उनके अधिकारों को दिलाने में कारगर सिद्ध होगा। उनका भी प्रयास होगा कि जो भी स्वास्थ्य सुविधाएं है उसे उस ग्रुप के सदस्यों को पहुंचाया जाये। उन्होने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि फाईलेरिया के मरीज भी अपने आस-पास के लोगों को जागरूक कर रहें है।

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