फारबिसगंज
स्थानीय पुलिस ने आयुर्वेदिक दवा कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाजी व ठगी के कारोबार का छापेमारी कर पर्दाफाश करते हुए अंतरजिला गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है। जिसके बाद इस अवैध कारोबार में शामिल कई लोगों के नाम का खुलासा हुआ है।
गिरफ्तार युवकों में गया जिले के बेलागंज थाना क्षेत्र के चंदौली निवासी मो. तारिक पिता कलीमुद्दीन, वारसलीगंज के अफसर निवासी निरंजन कुमार पिता सतीश सिंह, नालंदा जिला के नगरनौसा थाना क्षेत्र के लोहंडा के दीपक कुमार पिता चंद्रिका सहनी, समस्तीपुर जिला के हथौड़ी निवासी रामबाबू पिता रामदेव मंडल प्रमुख हैं।
इस बाबत थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेन्दु ने बताया कि मोतिहारी के विनय कुमार पिता उमेश ठाकुर एवं मनीष कुमार पिता मदनलाल की लिखित शिकायत पर जुम्मन चौक से महज कुछ दूरी पर एक आवासीय परिसर में धनवंतरी आयुर्वेदिक दवा नामक कार्यालय में छापेमारी की गई। जहां चारों आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि चारों युवक एवं उसके अन्य सहयोगी जो मौके से भागने में सफल रहे हैं सभी के द्वारा धनवंतरी आयुर्वेदिक दवा के नाम पर जालसाजी व ठगी का कारोबार किया जा रहा था। जिसमें पहले भोले भाले युवकों को बहला-फुसलाकर ऑनलाइन दवा कंपनी में नौकरी के नाम पर भोले भाले युवकों से चौदह-चौदह हजार रूपए ट्रेनिंग के नाम पर ऐंठा जाता था और कंपनी में नौकरी के नाम पर युवको को फंसा कर फारबिसगंज लाया जाता था। थानाध्यक्ष ने कहा कि जालसाजी व ठगी के मामले में छापेमारी के दरम्यान कार्यालय में सत्तर से अस्सी युवको का नाम मिला है जो सभी ठगी के शिकार हुए हैं। थानाध्यक्ष ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करने की बात कही। हालांकि कुछ युवकों का बयान पुलिस द्वारा लिया गया है जहां कई बिंदुओं पर जांच शुरू करते हुए अग्रेतर कारवाई की बात कही। उन्होंने ठगी के साथ साथ ट्रेनिंग सेंटर पर जानवरों की तरह बर्ताव करने की भी जानकारी दी।