रामचंद्र शुक्ल की जयंती वन्य पशु संरक्षण दिवस के रूप में मनाई गई
फारबिसगंज (अररिया) संवाददाता
फारबिसगंज प्रखंड के तिरकुण्ड पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय आदिवासी टोला मधुरा में सोमवार को महान साहित्यकार रामचंद्र शुक्ल की जयंती धूमधाम से मनाई गई। मौके पर विद्यालय प्रधान कुमार राजीव रंजन ने कहा कि आज के ही दिन महान साहित्यकार रामचंद्र शुक्ल का जन्म उत्तर प्रदेश में सन 4 अक्टूबर 1884 को बस्ती में हुआ था। वे आधुनिक भारत के महान साहित्यकार, कथाकार,अनुवादक और कवि थे। श्री कुमार ने कहा कि आज के ही दिन विश्व पशु कल्याण दिवस मनाने की शुरुआत 1930 ईस्वी में परिस्थिति विज्ञान शास्त्रियों के सम्मेलन में इटली के शहर प्रूडेंस में की गई थी। यह दिवस असीसी के सेंट फ्रांसिस का जन्म दिवस भी है। इनके ही जन्मदिवस पर विश्व पशु कल्याण कल्याण दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। वे जानवरों के महान संरक्षक थे। वहीं चेतना सत्र के पूर्व बच्चों ने प्रभातफेरी लगाकर गगनभेदी नारे हर बच्चे को मिले यह शिक्षा,जीव जन्तु की करनी है रक्षा। धरती माता करें पुकार, जीवों का न करें संहार इत्यादि नारे लगाकर पशुओं को और जीवों को रक्षा करने के लिए जागरूक करते दिखें। इसका मूल उद्देश्य विलुप्त हुए प्राणियों की रक्षा करना और मानव से उनके संबंधों को मजबूत करना था। साथ ही पशुओं की कल्याण के संदर्भ में विश्व पशु कल्याण दिवस का आयोजन करना था। हिंदुओं की आस्था के प्रतीक गौ माता की हत्या पर पूर्ण पाबंदी हो खास करके इसका मुख्य उद्देश है। इसलिए हम लोगों को पशुओं का संरक्षण करना आवश्यक है ताकि हमारा वातावरण में संतुलन समुचित रूप से बना रहे। इस मौके पर सहायक शिक्षक रिंकू कुमार पासवान स्वयंसेवक चार्ल्स किस्कू रसोईया लखन मुर्मू ,आरती देवी,लुखी देवी सहित सैकड़ों बच्चे उपस्थित थे।