यह राष्ट्रपति चुनाव सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है,,,,,,,इन्तेखाब आलम।
दिल्ली
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता श्री इन्तेखाब आलम ने कहा कि मैं यशवंत सिन्हा जी को आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन दाख़िल करने पर शुभकामनाएं देता हूं। वह सभी विपक्षी दलों के सर्वसम्मत उम्मीदवार हैं। हमारे नेता राहुल गांधी जी की बातों से हम सत प्रतिशत सहमत हैं कि।यह दो विचारधाराओं की लड़ाई है – एक तरफ़ नफरत और दूसरी तरफ़ एकता।हम शांति, सद्भाव और भाईचारे के लिए एक-साथ खड़े हैं।श्री आलम ने विपक्षी पार्टियों से गोलबंद होकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए यशवंत सिन्हा के समर्थन में खुलकर सामने आने की अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रपति भवन में एक और रबड़ स्टांप आया तो लोकतंत्र के लिए विनाशकारी होगा। अगले महीने होने वाला राष्ट्रपति चुनाव व्यक्तिगत मुकाबले से कहीं अधिक है और सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। ‘यह चुनाव महज भारत के राष्ट्रपति के चुनाव से कहीं बढ़कर है। यह चुनाव सरकार की तानाशाही प्रवृत्तियों का विरोध करने की दिशा में एक कदम है। यह चुनाव भारत की जनता के लिए संदेश है कि इन नीतियों का विरोध होना चाहिए।”
इन्तेखाब आलम ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों को अपने उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि यदि कोई राष्ट्रपति चुनाव के अंकगणित पर नजर डालें तो स्थिति बेहतर है बस एकजूटता दिखाने की जरूरत है और विपक्षी दलों को अच्छी लड़ाई लड़ने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। श्री आलम ने कहा कि जब हम चुनाव लड़ते हैं, तो हम जीतने के लिए लड़ते हैं। जब दो उम्मीदवार हों, तो दोनों जीत नहीं सकते। प्रत्येक उम्मीदवार के लिए स्थिति अलग है। यह मुकाबला सिद्धांतों के बारे में है। हमने यशवंत सिन्हा को अपने साझा उम्मीदवार के रूप में चुना है और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना हम सबकी जिम्मेदारी है। परिणाम कुछ भी हो, हम इसके बारे में बाद में बात कर सकते हैं।