फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम: 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का होगा संचालन
- जिले में लगभग 32 लाख लोगों का दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित
-अभियान की सफलता के लिये प्रखंडवार आशा कर्मियों को दिया जा रहा जरूरी प्रशिक्षण
-दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खिलानी है दवा
अररिया संवाददाता
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आगामी 20 सितंबर से जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एमडीए यानि सर्वजन दवा सेवन अभियान का संचालन किया जायेगा। कार्यक्रम के तहत आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़ कर अन्य सभी लोगों को डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा खिलायी जानी है। जिले में लगभग 32 लाख लोगों का दवा सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित है। अभियान के सफल संचालन को लेकर प्रखंडवार आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को अररिया पीएचसी परिसर में पीएचसी प्रभारी डॉ ओमप्रकाश की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया गया। इसमें अभियान का संचालन शुरू होने से पहले आशा कार्यकर्ताओं को इसके लिये माइक्रोप्लान तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी। साथ ही संबंधित पोषक क्षेत्र में व्यापक जन जागरूकता अभियान का संचालन करते हुए आम लोगों को अभियान के प्रति जागरूक करने को कहा गया।
बेहद गंभीर किस्म की बीमारी है फाइलेरिया
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पीएचसी प्रभारी डॉ आशुतोष ने कहा फाइलेरिया एक गंभीर किस्म की बीमारी है। जो क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है। आमतौर पर क्यूलेक्स मच्छर घर के आस पास दूषित स्थानों पर व जल जमाव वाले क्षेत्र में पनपता है। फाइलेरिया को आमतौर पर हाथी पांव नाम से भी जाना जाता है। बुखार का आना, शरीर में लाल धब्बे व दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना सहित अन्य रोग के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं। रोग ग्रसित अधिकांश लोगों के पांव व हाइड्रोसील में सूजन की समस्या होती है। आमातौर पर रोग का पता काफी समय बाद चलता है। लिहाजा इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। लेकिन इसकी रोकथाम के लिए सरकार द्वारा साल में एक बार सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है। ताकि लोगों को जरूरी दवाओं के सेवन कराते हुए उन्हें संभावित रोग से बचाया जा सके। उन्होंने आम लोगों से बढ़-चढ़ कर अभियान में भाग लेते हुए अनिवार्य रूप से दवा का सेवन सुनिश्चित कराने की अपील की।
उम्र के हिसाब से निर्धारित मात्रा में कराया जाना है दवा का सेवन
पीएचसी प्रबंधक प्रेरणा रानी वर्मा ने कहा कि उम्र के हिसाब से लोगों का निर्धारित मात्रा में दवा का सेवन कराया जाना है। इसमें 02 से 05 साल के बच्चों को डीईसी व अल्बेंडाजोल की 01 गोली, 06 से 14 साल आयु वर्ग के लोगों को डीईसी की 02 व अल्बेंडाजोल की 01 गोली व 15 साल से अधिक आयु के सभी लोगों को डीईसी की 03 व अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अल्बेंडाजोल दवा का सेवन चबा कर किया जाना है। आशा कर्मी अपने सामने में दवा का सेवन कराना सुनिश्चित करेंगी । 02 साल से कम उम्र के बच्चे व गर्भवती महिलाएं व गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को दवा का सेवन नहीं कराया जाना है।
14 दिनों तक संचालित होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम
प्रशिक्षण कार्यक्रम में बताया गया एमडीए अभियान के तहत आशा कर्मियों की दो सदस्यीय टीम बनाई जायेगी। आशा कर्मी 14 दिनों तक अपने पोषक क्षेत्र में घर-घर भ्रमण करते हुए योग्य लोगों को दवा का सेवन करायेंगी। अभियान के पहले छह दिन आशा कर्मी अपने पोषक क्षेत्र के योग्य लोगों को दवा का सेवन करायेंगी। सातवें दिन छूटे हुए घर का भ्रमण करते हुए वंचित लोगों का दवा सेवन कराने का काम करेंगी। आठवें दिन से तेरहवें दिन तक संबंधित दूसरे आशा के क्षेत्र में लोगों को दवा का सेवन कराया जायेगा। चौदहवें दिन छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराया जाना है। मौके पर बीडीओ अररिया आशुतोष झा, बीएचएम प्रेरणा रानी वर्मा, वीबीडीसी दिव्या झा, बीसीएम श्रवर आलम, यूनिसेफ के बीएमसी जय कुमार झा, डब्ल्यूएचओ के मॉनिटर प्रवीण कुमार, बंसी कुमार सिंह, केअर इंडिया के संजीव कुमार, पिरामल स्वास्थ्य की बीटीओ रेणु कुमारी बीटीएम मनीष कुमार सहित अन्य मौजूद थे।