सहरसा फारबिसगंज रेल कार्य रेल प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीन रवैया के कारण धीमी गति से लोगो में मायूसी
अररिया संवाददाता
फारबिसगंज ( अररिया)
सहरसा आमान परिवर्तन कार्य की धीमी प्रगति से रेल यात्रियों की मायूसी बढ़ने लगी है। नरपतगंज में विशेष कुमार ठाकुर बताया कि खासकर फारबिसगंज में जो कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अधीन है, यह काम लगभग ठप्प सा पड़ा हुआ है। जिस कारण लोग असमंजस की स्थिति में हैं कि पूर्व मध्य रेलवे का यह महत्वाकांक्षी आमान परिवर्तन योजना कब तक पूर्ण होता है। गौरतलब है कि जनवरी 2012 में पूर्व मध्य रेलवे के फारबिसगंज राघोपुर खंड पर आमान परिवर्तन के लिए मेगा ब्लॉक लिया गया था और तब से इस खंड पर छोटी लाइन की ट्रेनों का परिचालन बंद है। इस कारण फारबिसगंज , नरपतगंज प्रतापगंज, राघोपुर, सुपौल, सहरसा आदि स्थानों पर जाने आने के लिए लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा वे मनमानी और अधिक भाड़ा देकर बस में यात्रा करने को विवश हो रहे हैं। हालांकि आगामी दिनों एक बेहतर सुविधा के विकल्प की उम्मीद को लेकर यहां के लोगों ने इस असुविधा को स्वीकार भी कर लिया है। लेकिन विशेषकर नरपतगंज और फारबिसगंज में काम की कच्छप गति से लोगों में संदेह है कि इस वर्ष के अंत तक भी आमान परिवर्तन का कार्य पूरा हो पाएगा अथवा नहीं। हालांकि राघोपुर से ललितग्राम स्टेशन तक कार्य की प्रगति तो देखा जा सकता है, किंतु नरपतगंज , फारबिसगंज में यह बिल्कुल ही ठहरा हुआ सा नजर आता है।
विशेष कुमार ठाकुर ने कहा कि पूर्व मध्य रेलवे के फारबिसगंज-सहरसा रेलखंड के बीच अमान परिवर्तन का कार्य मंथर गति से चल रहा है. रेल प्रशासन की उदासीन रवैये के कारण धीमी गति से हो रहे अमान परिवर्तन कार्य को लेकर स्थानीय लोगों का धैर्य अब टूटने लगा है. अमान परिवर्तन के बाबत कई वृद्ध प्रबुद्धों का कहना है कि बचपन से उनकी दिल्ली तमन्ना रही थी कि काश इस क्षेत्र के लोगों को बड़ी रेल लाइन की सुविधा उपलब्ध होती, साथ ही उक्त रेल लाइन पर ट्रेनों की सीटी बजती. लेकिन अमान परिवर्तन कार्य के काफी समय बीत जाने के बाद भी अब तक उनलोगों का सपना पूरा नहीं हो पाया है जिससे क्षेत्र के लोगो में मायूस देखा जा रहा है । बताते चले कि पूर्व मध्य रेल सहरसा से फारबिसगंज के बीच पिछले 14 वर्षों से सीधी रेल सेवा बंद है।सहरसा से फारबिसगंज के बीच आमान परिवर्तन कार्य वर्ष 2007 से ही चल रहा है। लेकिन वर्ष 2008 में कुसहा त्रासदी के बाद रेल सेवा छिन्न भिन्न हो जाने के कारण रेल मार्ग बाधित हो गया। हाल के वर्षों में आमान परिवर्तन कार्य राधोपुर तक पूरा कर लिया गया है। सहरसा से राघोपुर के बीच रेल सेवा शुरू है। राघोपुर से फारबिसगंज के बीच आमान परिवर्तन कार्य चल रहा है। वर्ष 2021 तक सहरसा से फारबिसगंज के बीच रेल सेवा बहाल करने का लक्ष्य निर्धारित है। सहरसा से फारबिसगंज 112 किमी. आमान परिवर्तन कार्य को पूरा करने में रेल निर्माण विभाग को 14 वर्ष से भी अधिक हो गए लेकिन आमान परिवर्तन कार्य पूरा नहीं हो पाया है।