मध्य प्रदेश// रीवा /जवा के राज पैलेस में मनाई गयी संत शिरोमणि रविदास जी की जयन्ती।
ब्यूरो चीफ// राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश..8889284934
जवा/ हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय मूल निवासी संगठन जवा, पिछड़ावर्ग संगठन जवा, भीम आर्मी संगठन जवा, अजाक्स संघ जवा,अपाक्स संघ जवा के द्वारा जवा के राज पैलेस में निर्धारित समय दिन के 11 बजे से संत शिरोमणि भगवान रविदास जी की जयन्ती समारोह का आयोजन किया गया।
जहा पर मुख्य अतिथि के रूप में जवा रेड क्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष डाक्टर टीपी सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में शम्भू सिंह, रामसुशील सिंह, कामता सिंह, गिरधारी सिंह,मोहम्मद कादिर, दिलीप सिंह, रामलाल बौद्धाचार्य,रामसिया वर्मा,प्रो.देवेंद्र त्यागी, दीपक महेंद्र सिंह, नाथूलाल कोल उपस्थति रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जवा सरपंच दादुलाल वर्मा द्वारा किया गया।
जहा पर सबसे पहले मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा सन्त रविदास जी, बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी, और भगवान बुध्द के प्रतिमा में दीप प्रज्ज्बलित कर माल्यार्पण किया गया इसके वाद आयोजको द्वारा अतिथियों को माल्यार्पण का स्वागत किया गया। जहा पर उपस्थति सभी अतिथियों ने अपने अपने विचार रखे।
वही मुख्य अतिथि डॉक्टर टीपी सिंह ने कहा कि संतो से भरे आकाश में संत रविदास ध्रुव तारा है
संत रविदास और कबीर दोनों गुरु रामानंद के शिष्य थे और मीराबाई संत रविदास जी की शिष्या थी संत रैदास को ब्राह्मण गर्न्थो में एवं भक्त मॉल में सन्त शिरोमणि स्वीकार किया गया है
भगवान बुद्ध और संत रविदास एक ही भाषा बोलते किंतु भगवान बुध्द की भाषा ज्ञानी की भाषा थी और रैदास की भाष भक्त की भाषा थी
हिंदुस्तान में मनुवादियो द्वारा बौद्धिष्टो को प्रताड़ित किया गया जिससे वो भारत के बाहर समस्त एशिया में फैल कर बौध्द धर्म का प्रचार प्रसार किये,जिसकी बजह से समस्त एशिया बौध्द हो गया और बाहर के लोग भारत को अपना तीर्थ मानते है। आज दुनिया मे जो भारत का नाम है उसका सबसे बड़ा श्रेय भगवान बुध्द को ही जाता है। दलित मूल्यरूप से बौध्द है इसीलिए बाबा साहब ने कहा था कि समस्त शूद्रों को बौद्ध हो हो जाना चाहिए।
डॉक्टर टीपी सिंह ने कहा कि इस सदी को जिन लोगो ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है उनमें फ्रायड, मार्क्स,और नीत्से प्रमुख है इन तीनो ने ही स्वीकार किया है कि ईश्वर असत्य और जगत सत्य है
कार्यक्रम का सफल आयोजन शिक्षक बैजनाथ वर्मा, इंद्र लाल वर्मा,रामजी वर्मा, समयलाल वर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन समाजसेवी दयानाथ वर्मा और समाजसेवी महेंद्र सिंह द्वारा किया गया।