मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के द्वारा 4 बर्षो में पूरी तरह विफल रही कांग्रेस सरकार के झूठे पेश किये रिपोर्ट कार्ड का भाजपा ने किया पर्दाफाश
27 मार्च फिरोजपुर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}
तलवंडी भाई में भाजपा कार्यकर्ताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई जिसमें श्रीमती सुनीता गर्ग, देवेंद्र बजाज इंचार्ज लोकल बॉडी सेल (पंजाब)श्री सुरेंद्र सिंह बघे के जिला प्रधान ,विजय कैथ, भीमसेन, अमनदीप गिरधर महामंत्री, राजेश कपूर महामंत्री, सुनील गुप्ता जिला वाइस प्रधान, अनिल अहूजा मंडल प्रधान, तलवंडी भाई ने शिरकत की और प्रेस नोट जारी किया प्रेस कांफ्रेंस के मुख्य बिंदु :-2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार ने किसानों से ढेरों वादे किए थे जिनमें से मुख्य वादे हैं:-
1.किसानों के 90,000 करोड़ की कर्जा, माफी परन्तु किया नहीं।
- फसलों की बकाया पूरी रकम की अदायगी, परन्तु दी नहीं, उल्टा किसानों को कृषि कानूनों के विरुद्ध भड़काया।
- 2017 में कांग्रेस ने ए.पी.एम.सी. एक्ट अपडेशन, जिसे केन्द्र ने अब किया तो उस पर उल्टा किसानों को भड़का कर आन्दोलन के रास्ते पर डाल दिया।
- प्राकृतिक आपदा से फसलो के नुकसान पर 20000 प्रति एकड़ मुआवजा, पर दिया नहीं, कांग्रेस सरकार द्वारा आत्महत्या करने वाले कितने किसानों को मुआवजा एवं नौकरी दी गई है। किसान पेंशन स्कीम कब लागू की गई और कितने किसानों को उसका लाभ दिया गया। किसान क़र्ज़ की मार के चलते मरने को मजबूर, 4 सालों में 1232 किसानों द्वारा आत्महत्या।
इसी प्रकार कैप्टन ने पवित्र श्री गुटका साहिब हाथ में लेकर गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब की तरफ मुँह करके नौजवानों से भी वायदे किए थे :-
- घर-घर सरकारी नौकरी, 25,00,000 (25 लाख) नौकरीयां देने का वादा, पर किसी को मिली नहीं।
- स्मार्टफोन तथा लैपटॉप, पर दिए नहीं।
- बेरोजगारी भत्ता 2500 रुपए हर महीना, पर मिला नहीं।
- पहली कक्षा से लेकर पी.एच.डी. तक लड़कियों के लिए मुफ्त शिक्षा, पर किसी को मिली नहीं।
- सभी बच्चों को मुफ्त में किताबें, किसी को नहीं मिली।
- 90 दिनों के भीतर नई इंडस्ट्री पॉलिसी बनाने का वादा, लेकिन आज तक नहीं बनी, उद्योग पंजाब से पलायन कर गए हैं, जो बचे हैं वो भी तैयारी में हैं।
- उद्योगों को बिजली 5 रुपए प्रति यूनिट देना, लेकिन आज तक नहीं दी, 12 रुपए यूनिट दे रहे हैं।
- कैप्टन के कारण प्रदेश में फैली अराजकता व ध्वस्त कानून-व्यवस्था के चलते कोई भी स्वदेशी या विदेशी उद्योगपति पंजाब में अपना उद्योग लगाने को तैयार नहीं।
- भ्रष्टाचार खत्म करना, लेकिन कांग्रेस के मंत्री व नेता ही सबसे भ्रष्ट हैं और कैप्टन खुद उन्हें बचा रहे हैं।
- सभी गरीब दलितों को घर देने का वादा, पर दिया किसी को नहीं।
- पवित्र गुटका साहिब हाथ में पकड़ कर 4 हफ्ते में नशा मुक्त पंजाब बनाना, लेकिन फेल, इनके अपने नेता ही नशा आज भी खुलेआम बेच रहे और कांग्रेस के नेता इस पर खुलकर कई बार मंच से बोल चुके हैं। नशे के कारण इन 4 सालों में हर साल 100 से अधिक नौजवान अपनी जान गवा रहे हैं।
- सभी दलितों को ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा, पर किसी को नहीं मिली।
- प्लॉट एलॉटमेंट में दलितों के लिए 30% रिजर्वेशन तथा बेघर दलितों फ्री घर, पर किसी को नहीं।
- दलित वर्ग की नौकरी के लिए आज तक रिजर्वेशन नहीं हुई।
- एस.सी. स्कॉलरशिप स्कैम में आज तक कुछ नहीं हुआ, कैप्टन ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दी।
- मेडिकल कॉलेज बनाना, कोई नहीं बनाया, सिर्फ घोषणाएं ही कीं।
- आटा दाल स्कीम में घी व चाय पत्ती भी देना, पर गरीबों की दाल भी खा गए।
- घोटालों से भरी सरकार :- गैर कानूनी माईनिंग स्कैम, मानरेगा स्कैम, बीज स्कैम, रेविन्यू डिपार्टमेंट स्कैम, एस.सी. स्कॉलरशिप स्कैम, कोविड अनाज स्कैम सहित कई स्कैम हो चुके हैं और मुख्यमंत्री दोषियों को बचाने में लगे हैं।
- कानून-व्यवस्था ध्वस्त, दिन-दिहाड़े कत्ल, डाके प्रदेश में कांग्रेस सरकार का राज नहीं बल्कि माफिया राज। पूरे प्रदेश में सरकार के निरीक्षण में गैर कानूनी काम हो रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा कोई रोकथाम नहीं।
- पंजाब पर 1,82,526 करोड़ से बढ़कर 2,73,730 करोड़ का कर्ज़ा कैसे हो गया?
- बजट में जनता को सुनहरी सपने दिखाए, उन्हें पूरा करने के लिए क्या कांग्रेस की और कर्ज़ा लेने की योजना है?
- केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में जरुरतमंदों को भेजा गया राशन भी कांग्रेसी मंत्री व नेता डकार गए, कुछ को मीडिया ने खुद पकड़ा, लेकिन उनके खिलाफ कोई कारवाई नहीं हुई।
- इस बार बजट में कोई नया टैक्स लगाने से मना किया, लेकिन दो दिन बाद ही नए टैक्स लगाने की भरमार।
- लॉक-डाउन के दौरान कांग्रेसी नेताओं तथा उनके संरक्षकों ने जम कर नाजायज शराब बेची तथा पंजाब के खजाने को हज़ारों करोड़ों का राजस्व घाटा पहुँचाया।
- कांग्रेसी नेताओं द्वारा बेचीं गई नकली शराब से 125 से अधिक लोगों की जान गई, लेकिन मुख्य आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए।
- पंजाब के कर्मचारी कैप्टन सरकर से दु:खी, अपनी मांगों को लेकर रोज़ाना सड़कों पर कर रहे प्रदर्शन।
- केन्द्र सरकार द्वारा केन्द्रीय कर्मचारियों को 7वां पे-कमीशन दिए दो साल हो गए हैं, लेकिन पंजाब सरकार ने अभी तक 6वां पे-कमीशन भी नहीं दिया।
निकाय चुनाव में पंजाब भाजपा ने अकेले अपने दम पर 1500 के अधिक प्रत्याशी खड़े किए, जिनमें से 1 हजार से अधिक ने विपरीत परिस्थियों में भी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ा और कई सीटों पर विजय हासिल की। कांग्रेस ने सरकारी तन्त्र तथा सत्ता का जम कर दुरूपयोग करते हुए लोकतंत्र की हत्या की और चुनाव जीता, जो कि सभी जानते हैं और सभी ने देखा है। श्री देवेंद्र बजाज (इंचार्ज लोकल बॉडी सेल पंजाब) और भाजपा कार्यकर्ता निडर है और वो अब 2022 के चुनावों की तैयारी में जुटा हुआ है।
कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार से पंजाब की जनता इतनी दु:खी है कि उस दिन को कोस रही है जब उसने कांग्रेस को वोट कर सत्ता उसके हाथ में दी। पंजाब की जनता को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा एकमात्र विकल्प है। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह किसानों को कृषि कानूनों के नाम पर भड़काने तथा अपनी नाकामियों को छुपाने का प्रयास कर रही है। किसानों को गुमराह करके अपनी घटिया राजनितिक सोच प्रदर्शित करके उन्हें भड़का रही है, जबकि स्वयं कांग्रेस किसान भाईयों के साथ पिछले 4 वर्षों से धोखा करती आ रही है।
केंद्र सरकार द्वारा संशोधित कृषि कानूनों में कौन से खामी है यह कोई भी राजनितिक डाल का नेता या स्वयं किसान संगठन भी नहीं बताते, जबकि केंद्र सरकार ने इन कानूनों को डेढ़ साल के लिए रोक दिया है और किसान नेताओं को विस्तृत विचार-चर्चा तथा संशोधन के लिए लिखित रूप में आश्वासन दिया है।
भाजपा कांग्रेस सरकार से हर बात का हिसाब मांगेगी, जनता के दरबार में सीएम को जवाब देना होगा, अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने से काम नहीं चलेगा, मुख्यमंत्री जवाब दे और जनता से किए गए वादे पूरे ना करने की माफी मांगे और उन्हें अपनी जिम्मेदारी ना निभा पाने पर नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। भाजपा सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन करेगी और सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागने नहीं देगी सरकार अपने वादे अपनी जिम्मेदारी पर किए थे कांग्रेस के केंद्र सरकार के ऊपर जिम्मेदारी डालने के बहाने अब नहीं चलेंगे।
कैप्टन तथा कांग्रेस सरकार की लापरवाहियों के चलते के बार फिर से कोरोना बढ़ने लग गया है। कैप्टन द्वारा इसकी रोकथाम के लिए आज तक जरूरी कदम उठाने में ढील बरती जा रही है, रैलियों तथा धरनों की परमिशन क्यूँ दी जा रही है? स्वस्थ्य विभाग के नियमों की अनदेखी क्यूँ की जा रही है? इसका जिम्मेवारी कांग्रेस सरकार की है और इसका जवाब उन्हें देना पड़ेगाI