हल्द्वानी: कालाढूंगी निवासी बुजुर्ग की हत्या ने ऊधमसिंह नगर में सूदखोरी के खेल को फिर उजागर किया है। हत्यारोपी की मानें तो उसने बुजुर्ग की हत्या इसलिए की क्योंकि वह उधार ली रकम पर बढ़ते जा रहे ब्याज से परेशान हो चुका था। उसका दावा है उससे 15 हजार रुपये के उधार पर 15 हजार ही ब्याज मांगा जा रहा था। पुलिस उसके दावों की जांच कर रही है।
बन्नाखेड़ा निवासी श्रीराम ने कालाढूंगी के मायारामपुर गांव निवासी बिशन सिंह रावत की हत्या की बात पुलिस पूछताछ में कबूल की। पुलिस के अनुसार श्रीराम ने बताया करीब एक साल पहले उसने नयी बाइक खरीदी थी। इसके लिये उसे 15 हजार रुपये की जरूरत थी। रकम मांगने के लिये उसने कुछ लोगों से संपर्क किया, तभी किसी ने बताया बिशन सिंह ब्याज पर रकम देते हैं। इस पर उसने बिशन से 15 हजार रुपये ले लिये।
उसका दावा है बिशन ने उसे 15 हजार रुपये दिये, लेकिन उसकी नयी बाइक गिरवी रख ली। श्रीराम ने कहा वह थोड़ी-थोड़ी रकम बिशन को लौटाता रहा। बताया वह 12 हजार रुपये लौटा चुका था। आरोप है कुछ दिन पहले उसने बिशन से यह कहकर बाइक वापस मांगी, बकाया तीन हजार जल्द लौटा देगा, लेकिन बिशन ने कहा कि उसे बकाया तीन हजार के अलावा ब्याज के 15 हजार रुपये भी देने हैं। ऐसे में उसने बिशन को ठिकाने लगाने की ठान ली।
हत्यारे ने शुक्रवार को बिशन से फोन पर बकाया रकम का इंतजाम होने की बात कही व अपने साथ बन्नाखेड़ा आने के लिये मना लिया। इसके बाद रास्ते में बिशन की हत्या कर जंगल में शव फेंककर वह खुद घर आ गया।
काशीपुर के एएसपी चंद्रमोहन सिंह ने कहा कि पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से बुजुर्ग की बाइक, हत्या में इस्तेमाल चाकू और जंगल में छिपाया शव बरामद किया है। उसका कहना है मूलधन पर दोगुना ब्याज लगाने की वजह से हत्या की गयी। हालांकि, परिजनों ने इससे इनकार किया है।
बिशन सिंह रावत के बेटे चंदन ने कहा उनके पिता ने श्रीराम को एक साल पहले 15 हजार रुपये उधार दिये थे। बताया लंबे समय से श्रीराम रकम नहीं लौटा रहा था। इसके लिये उनके पिता कई बार श्रीराम से संपर्क कर चुके थे, लेकिन वह झगड़ा करने लगता था। इसी के चलते श्रीराम ने उनके पिता की हत्या की।