वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने छात्राओं को कठिन परिश्रम, अच्छे संस्कारों व चरित्र निर्माण पर बल दिया।
कुरुक्षेत्र, 23 जुलाई : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, उपाध्यक्ष टी.के. शर्मा, निदेशक एस.एन. गुप्ता, जयराम सैनिक स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी सुरेश कुमार एवं ट्रस्टियों की मौजूदगी में ग्रामीण आंचल में कन्याओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गतिमान सेठ नवरंग राय लोहिया जयराम कन्या महाविद्यालय के प्रांगण में मंगलवार को नव शिक्षा सत्र के शुभारंभ अवसर पर विद्वान ब्राह्मणों द्वारा हवन किया गया। हवन में परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने पूर्णाहुति दी। हवन के उपरांत परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि विद्यार्थियों में संस्कृति एवं संस्कारों को बनाए रखने के लिए ही जयराम संस्थाओं में किसी भी कार्य को हवन यज्ञ व पूजन से प्रारंभ किया जाता है। उन्होंने कहा कि जयराम शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण कर रही छात्राएं केवल शिक्षा ही प्राप्त नहीं करती बल्कि उन्हें अच्छे संस्कार व आदर्श प्रदान किए जाते हैं। ब्रह्मचारी ने छात्राओं को कठिन परिश्रम और चरित्र निर्माण पर बल दिया। साथ उनके जीवन में तरक्की एवं उज्जवल भविष्य की भी कामना की। उपाध्यक्ष टी.के. शर्मा ने भी छात्राओं का नव शिक्षा सत्र में स्वागत किया तथा मेहनत के साथ शिक्षा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि श्री जयराम शिक्षण संस्थान से शिक्षित छात्राएं देश एवं विदेश में उच्च पदों पर संस्थान व अपने परिवार का नाम रोशन कर रही हैं। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुदेश रावल ने इस मौके पर नव शिक्षा सत्र में आई छात्राओं, जयराम संस्थाओं के ट्रस्टियों व अन्य अतिथियों का स्वागत किया। हवन के उपरांत एन.सी.सी. के एक वृक्ष मां के नाम अभियान के अंतर्गत श्री जयराम शिक्षण संस्थान में ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं अन्य अतिथियों ने पौधारोपण भी किया। इस अवसर पर यशपाल राणा, प्रवेश राणा, जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला, प. पंकज पुजारी, जयराम महिला पॉलिटेक्निक प्राचार्या मनप्रीत कौर, जयराम पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अंजू अग्रवाल, डा. सरोज जमदग्नि, डा. सुनीता शर्मा सहित महाविद्यालय स्टाफ के अन्य सदस्य भी भी मौजूद रहे।
परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी पूर्णाहुति देते हुए एवं पौधारोपण करते हुए, साथ में अन्य।