सर्व धर्म सम्मेलन कलकता में ब्राह्मण भूषण प्रेमचंद्र झा अधिवक्ता सम्मानित

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – अमित।
कोलकाता : भवा पगला महासम्मेलन महामिलन मठ डनलप कोलकाता में ब्राह्मण भूषण प्रेमचंद्र झा अधिवक्ता को सम्मानित किया गया।
झा ने पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य गोवर्धन पीठाधीश्वर महाराज जी के कृपा पात्र शिष्य हैं एवं उनके द्वारा चलाए जा रहे अभियान को भारत और नेपाल में यात्रा करके संगोष्ठी, सत्संग एवं सेवा के माध्यम से प्रचार करते हैं, उनके द्वारा 50 से अधिक देश में अभियान संचालित होता है।
प्रेमचंद झा ने अपने भाषण मे कहा संसार में धर्म एक ही है, सनातन वैदिक आर्य हिंदू धर्म बाकी जितने भी हैं धर्माभाष हैं, पंथ है, मजहब है, विचारधारा है, इसी तरह भगवान भी एक ही हैं, उन्हीं को कोई साकार रूप में, कोई निराकार रूप में पूजते हैं। सबके पूर्वज हिंदू थे, सनातनी थे। सनातन परंपरा में चार युग हैं,चार धाम हैं, चार भगवान के अवतार होने वाले हैं ,चार जगह कुंभ होता है, चार वेद है, चार वर्ण हैं, चार आश्रम है, चारों धाम के रक्षा के लिए भगवान शंकर का पादुर्भाव ईस्वी सन से 507 वर्ष पूर्व कडर्ली, केरल में हुआ था, सिर्फ 32 वर्ष के अवस्था में आदि गुरु शंकराचार्य जी ने चारों धाम के रक्षा के लिए चार पीठ बनाकर कैलाश गमन किया।
इस परम्परा का निर्वाह पुरी पीठ के वर्तमान 145 वां शंकराचार्य जी भारत और नेपाल कि सीमा मे साल मे 250 से अधिक दिनो तक यात्रा कर सनातन धर्म का अलख जगा रहे है।
भवा पगला के संयोजक आचार्य गोपाल खत्री ने गीता में भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों को याद दिलाया। उनका कहना था हिंदुओं को अपने आत्मरक्षा के लिए शस्त्र का सहारा लेना ही चाहिए। विवेकानंद इंटरनेशनल वैदिक सोसाइटीज के स्वामी अच्युतानंद पुरी महाराज, सिख समाज के मनमोहन सिंह, विश्व हिंदू परिषद के प्रीत अरुण चट्टोपाध्याय, अशोक प्रसाद एवं अन्य वक्ताओं ने भी अपने- अपने विचार रखें। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु संत महात्मा एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।



