ब्रज साहित्य सेवा मंडल ने किया रोहतक के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. मधुकांत का सम्मान

सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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200 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।”वर्ड्स बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है इनका नाम।

वृंदावन : छटीकरा रोड़ स्थित श्रीकृष्ण शरणम् कॉलोनी में ब्रज साहित्य सेवा मंडल के कार्यालय पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद, भारत विकास परिषद, प्रज्ञा साहित्यिक मंच (रोहतक, हरियाणा) के अध्यक्ष एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. मधुकांत (अनूप बंसल) का शुभागमन हुआ।
इस अवसर पर ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व मंडल के अन्य पदाधिकारियों ने डॉ. मधुकांत का भावभीना स्वागत, अभिनंदन व सम्मान किया।साथ ही उन्हें अंगवस्त्र, प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिन्ह एवं सत्साहित्य आदि भेंट किया।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि डॉ. मधुकांत मूलत: सांपला (रोहतक) के निवासी हैं।इनका कार्य क्षेत्र दिल्ली है। इनकी उपन्यास, नाटक, कविता, व्यंग, लेख, कहानी, लघु कथा, यात्रा वृत्तांत, संस्मरण आदि कई विधाओं में 200 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।साथ ही इनकी 4 पुस्तकों को हरियाणा साहित्य अकादमी (पंचकूला) के द्वारा सम्मानित व पुरुस्कृत किया जा चुका है।इसके अलावा इनको हरियाणा साहित्य अकादमी के द्वारा पांच लाख रुपए का “महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य साधन सम्मान” भी प्राप्त हो चुका है।आपकी कई पुस्तकें विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
मंडल के महामंत्री डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि डॉ. मधुकांत (अनूप बंसल) साहित्य सृजन की समृद्ध एवं गौरवशाली परंपरा के सशक्त साधक हैं।इनकी कई पुस्तकों का देश की 25 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है।उनके द्वारा लिखे गए नाटकों का विभिन्न मंचों पर मंचन भी हुआ है। इसके अलावा रक्त दान के क्षेत्र में भी उनकी तमाम उपलब्धियां हैं।उनका जीवन रक्त दान के लिए समर्पित है। वे पिछले कई वर्षों से न केवल स्वयं रक्त दान कर रहे हैं बल्कि विभिन्न स्थानों पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी आयोजित कर रहे हैं।उनके जीवन का यह आप्त वाक्य है कि “किसी भी व्यक्ति को रक्त के अभाव में मरने नही देंगे।”
उनके द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान जागृति की सर्वाधिक पुस्तकें सृजित करने के संबंध में उनका नाम “वर्ड्स बुक ऑफ रिकॉर्ड – 2022” में सम्मिलित किया गया है।
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक की पूर्व प्रोफेसर डॉ. अंजना गर्ग ने कहा कि 75 वर्षीय डॉ. मधुकांत (अनूप बंसल) के साहित्य व समाज सेवा की धमक न केवल अपने देश में अपितु विदेशों तक में है। उनकी कई साहित्यिक कृतियों पर विभिन्न विश्विद्यालयों में शोधकार्य भी हो रहे हैं।उनकी कई पुस्तकों का प्रकाशन राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के द्वारा भी हुआ है। उनके द्वारा देश व समाज में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से “ब्लड बैंक” व “वारिश कौन” फिल्म का निर्माण भी किया है।उनके द्वारा कई स्थानों पर सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना करके उनमें तमाम पुस्तकें निःशुल्क भेंट की जा चुकी हैं। इसके अलावा उनके द्वारा कुरुक्षेत्र में प्रेरणा साहित्य एवं शोध संस्थान की स्थापना भी की गई।
इस अवसर पर प्रमुख समाजसेवी पण्डित बिहारीलाल वशिष्ठ, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सतेन्द्र जोशी, आर्यन बंसल, आकाशवाणी की वार्ताकार वसुधा गोपाल, वरिष्ठ पत्रकार विनोद चूड़ामणि आदि की उपस्थिति विशेष रही।

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