घरों में रोग ग्रस्त बुजुर्ग की देखभाल की अपेक्षा परिवार के सदस्य अपना ज्ञान एवं राग अलापते हैं : बृज शर्मा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बृज शर्मा करीब चार दशकों से कर रहे हैं पारिवारिक रिश्तों एवं संवेदनाओं पर कटाक्ष।
कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई : कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार बृज शर्मा ने अपनी कला एवं प्रतिभा के माध्यम से पिछले करीब चार दशकों में विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने अपने नाटकों, रचनाओं एवं गीतों के माध्यम से आधुनिक समाज में रिश्तों एवं भावनाओं पर काफी पीड़ा को व्यक्त किया है। उन्होंने माना है कि बीते समय के परिवारों में सम्मान एवं एक दूसरे के साथ लगाव होता था।
उन्होंने हाल ही में एक बार फिर से समाज की वास्तविकता को उजागर करने का प्रयास किया है। उन्होंने यह प्रयास अपने मित्रों एवं सहयोगियों के साथ से लघु फिल्म कुछ तो करो के माध्यम से किया है। इस में जीवन के यथार्थ का वो दृश्य है जिसमें घर में रोग ग्रस्त बुजुर्ग की देखभाल करने की बजाय परिवार के सदस्य एवं अन्य भाई बंधु अपना अपना राग एवं अपनी अपनी डफली बजाने में लगे रहते हैं।
लघु फिल्म के निर्देशक एवं लेखक बृज शर्मा ने बताया कि पिछले करीब चार दशकों में उन्होंने अपने देश में ही नहीं विदेशों में पारिवारिक रिश्तों एवं संवेदनाओं को ही महत्व दिया है। उन्होंने लघु फिल्म में भी आज के रिश्तों में संवेदनाओं, पुरानी परम्पराओं एवं नैतिकता को केंद्रित किया है। उनका विश्वास है कि उनके इस प्रयास से समाज को संदेश मिलेगा।
उनके इस प्रयास में छायाकार व सह सहायक सुनील कुमार रहे। उनके साथ 50 वर्ष से अधिक आयु के कलाकारों दमन शर्मा, नीरज आश्री, पूनम कौशिक, दीपक शर्मा, शिव कुमार, दीपक कौशिक, मानवी शर्मा की विशेष भागीदारी रही। इसी के साथ भावना शर्मा ने भी खूब प्रतिभा दिखाई।
बृज शर्मा ने कहा कि भविष्य में भी समाज को आईना दिखाने एवं संबंधों को बेहतर करने का प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कला सृष्टि मंच के सदस्यों के साथ उन्हें राजेश सिंगला एवं डा. जय भगवान सिंगला का उन्हें हर प्रयास में विशेष सहयोग मिलता है।
बृज शर्मा का सहयोग करने वाले 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के कलाकार।