प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृव अभियान के तहत किया गया शिविर का आयोजन

प्रखंड रिपोर्टर- विक्रम कुमार

प्रत्येक महीने के 9 तारीख के दिन आयोजित होने वाले अतिमहत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैसा के सभागार में किया गया। इन अवसर पर गर्भवती माता की जांच की सुविधा प्रदान की गई। जिसमें वजन की जांच, रक्तचाप की जांच एवं रक्त की उपलब्धता, हीमोग्लोबिन की जांच तथा प्रमाण परामर्श, खानपान से संबंधित सलाह एवं नियंत्रण की देखभाल के लिए गर्भवती माता को तथा उनके अभिभावक खासकर पति और सास को सलाह दी गई। इस संबंध में मातृ स्वास्थ्य के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. सरिता के द्वारा पत्र जारी कर राज्य के सभी सिविल सर्जन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है। कोरोना संक्रमण के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था। जारी पत्र में यह भी कहा गया है कि स्वास्थ्य संस्थानों पर आने वाली गर्भवती माताओं की गुणवत्ता के साथ प्रसव पूर्व जांच करवाना सुनिश्चित किया जाय। प्रसव पूर्व जांच के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की ट्रैकिंग किया जाना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। ताकि मातृ मृत्यु में कमी लाई जा सके। शिविर के दौरान जटिल प्रसव वाली महिलाओं की पहचान कर इसकी सूची पोर्टल पर अपलोड की जानी सुनिश्चित किया जाएगा। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृव अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने-अपने पोषक क्षेत्र के सभी गर्भवती माताओं को निरंतर जांच क्षेत्र में प्रत्येक माह के 9 तारीख को अस्पताल में जांच के लिए लाना सुनिश्चित करते हुए गर्भवती माताओं को आयरन की गोली, कैल्शियम की गोली प्रदान की गई। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय एमओआईसी डॉ रफ़ी ज़ुबैर, बीएचएम आलोक कुमार वर्मा, केयर इंडिया के बीएम रोहित कुमार सिंह, जीएनएम साईंका प्रवीण, अभिलाषा एवं दीपशिखा जबकिं एएनएम में खुशबू और ललिता देवी सहित कई आशा कार्यकर्ता मौजूद थी।

सभी तरह की दवाओं के साथ ही जांच की निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध: एमओआईसी
बैसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रफ़ी ज़ुबैर ने सभी ने बताया अस्पताल परिसर में दवाओं की उपलब्धता के साथ सभी तरह के जांच की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई हैं। एमसीपी कार्ड सभी गर्भवती माताओं को आशा कार्यकर्ताओं की देखरेख में दिया जा रहा है। क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से सेवा के लिए हमलोग हर समय लगे रहते हैं। ताकि किसी भी मरीज को कोई परेशानी नहीं हो। हालांकि अभी कोरोना संक्रमण काल चल रहा है इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार प्रयास करती है। क्योंकि सेवा ही धर्म हैं। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती है और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।

मेडिकल टीम का गठन कर गर्भवती माताओं को दी जाती हैं बेहतर चिकित्सा सुविधाएं: बीएचएम
स्थानीय सीएचसी के स्वास्थ्य प्रबंधक आलोक कुमार वर्मा ने बताया अत्यधिक रक्तस्राव के कारण गर्भवती माताओं को सबसे ज्यादा खतरा बना रहता है। प्रसव पूर्व जांच में यदि खून सात ग्राम से कम पाया जाता है। तो उस स्थिति में महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह दी जाती है हैं। गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक वजन या कम वजन के साथ अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है। आशा कार्यकर्ताओं के साथ समन्वय स्थापित कर जीएनएम व एएनएम के साथ टीम का गठन कर लिया गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा आने वाले सभी मरीज़ों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना हमलोगों की जिम्मेदारी होती है। जिसको लेकर सफाई से लेकर जांच या उपचार में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाती है। टीम के सभी सदस्यों को अलग-अलग कार्य दिया गया था। स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए मरीज़ो को मिलने वाली सुविधा एवं नियमानुसार प्रावधानों के तहत सेवायें दी जाती हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम गर्भवती महिलाओं के लिए हर समय रहती हैं अलर्ट: रोहित
वहीं केयर इंडिया प्रखंड प्रबंधक रोहित कुमार सिंह ने बताया कि बैसा सीएचसी मुख्य रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र माना जाता है। जिसमें हमलोगों का यह प्रयास रहता है कि अधिक जटिलताएं वाली माताओं या परिजनों को प्रतिदिन या समयानुसार फोन के माध्यम से फॉलोअप लिया जाता हैं। ज़्यादा गंभीर समस्याओं के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक मेडिकल टीम बनाकर भ्रमण करते हैं। जिससे माताओं को आने वाले समय में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। हालांकि बाढ़ या ज्यादा बरसात होने की स्थिति में सड़कों की स्थिति खराब हो जाती है। जिस कारण अस्पताल आने में बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। है। प्राय देखा जाता है कि एंबुलेंस सर्विस लाभार्थी के घर तक नहीं पहुंच पाता है। जिस कारण गर्भवती माता, परिजनों व स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी काफ़ी परेशानी होती है। लेकिन इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग हर समय मरीजों या गर्भवती महिलाओं के लिए अलर्ट मोड पर रहता है।

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