जिले में शुरू हुआ बच्चों को पेट में कीड़ा मारने की दवा खिलाने का अभियान
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी कन्नौज
अभियान के तहत सात लाख बच्चों को दवाई खिलाने का लक्ष्य
कन्नौज l बच्चों को कुपोषण से मुक्त बनाने तथा रक्त की कमी की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान बच्चों को पेट में कीड़ा मारने की दवा खिलाने का अभियान शुक्रवार को शुरू हुआ। भारत सरकार के निर्देशानुसार 1 से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्त कार्यक्रम जिले में 29 अगस्त तक मनाया जाएगा।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व एन.डी.डी.नोडल डा.ए.के.जाटव ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के तहत जिले में करीब सात लाख एल्बेंडाजोल गोलियां खिलाने का लक्ष्य हैं। बच्चों को आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां घर-घर पहुंचकर एक से 19 वर्ष के बच्चों को अपने सामने एलबेंडाजोल की खुराक देगीं।
उन्होंने बताया कि 1 वर्ष से 2 वर्ष के बच्चों को 400 एमजी की टेबलेट की आधी गोली पीसकर देनी है। 2 से 19 साल बच्चों और किशोर-किशोरियों को 400 एमजी की एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी। सामुदायिक केन्द्र हसेरन के चिकित्साधीक्षक डा जगदीश निर्मल ने बताया कि कृमि रोग अर्थात पेट में कीड़े होना एक साधारण बीमारी समझी जाती है। मगर इसका इलाज न किया जाए तो यह रोग कई जटिलताएं जैसे रक्ताल्पता, कुपोषण, आंतों में रुकावट, एलर्जी अादि जानलेवा रोगों का कारण भी बन सकता है। गोल कृमि, वीप वार्म, अंकुश कृमि वे कीड़े हैं जो कि बच्चों को संक्रमित करते हैं जिससें उनके पोषण स्तर तथा हीमोग्लोबिन स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ता हैं साथ ही शारीरिक व बौध्दिक विकास बाधित होता हैं। एल्बेंडाजोल दवाई बिल्कुल सुरक्षित है लेकिन जिन बच्चों के पेट में कीड़ों की अधिकता होगी उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर मामूली लक्षण सामने आयेंगे जैसे दवा खाने के बाद जी मचलाना,पेट में हल्का दर्द, उल्टी,दस्त और थकान महसूस करना लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है पेट में कीड़ा होने के कारण प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चे को आराम करने की सलाह दें।