एक जनवरी को कैलेंडर बदलो, अपनी संस्कृति नहीं, आओ जागे और जगाएं, भारतीय संस्कृति अपनाएं : महंत राजेंद्र पुरी

एक जनवरी को कैलेंडर बदलो, अपनी संस्कृति नहीं, आओ जागे और जगाएं, भारतीय संस्कृति अपनाएं : महंत राजेंद्र पुरी।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

महंत राजेंद्र पुरी ने भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों के अनुसार बताया नववर्ष का महत्व।

कुरुक्षेत्र, 1 जनवरी : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने नववर्ष के अवसर पर दरबार में धार्मिक सत्संग का आयोजन किया। महंत ने सर्वप्रथम समाज के चलन के हिसाब से सभी देशवासियों, प्रदेशवासियों एवं कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के लोगों को नववर्ष की बधाई दी और साथ ही अपना एक संदेश देते हुए कहा कि हमारा देश दो तरह का होता जा रहा है। एक भारत और एक इंडिया। उन्होंने कहा कि इंडिया को मानने वाले नव वर्ष मना रहे हैं और भारत वालों का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव संवत में होगा। महंत ने कहा कि आज एक जनवरी को नववर्ष कैसे माना जाए ना कोई ऋतु बदली, न फसल बदली, न पौधों की रंगत, न सूरज चांद सितारों की दिशा और न है नक्षत्र बदले हैं। एक जनवरी को कुछ नहीं बदला जैसा दिसम्बर वैसा जनवरी। हमारा नववर्ष कब होता है और क्यों होता है। यह बताते हुए महंत ने कहा कि हमारा नया साल चैत्र प्रतिपदा के दिन नए संवत में होता है । इसी दिन से नवरात्र शुरू होते हैं। ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना का संबंध इसी दिन से है। नव संवत की शुरुआत होते ही ब्रह्मांड से लेकर सूर्य चांद की दिशा बदलती है, मौसम बदलता है, फसल, पौधों की नई पत्तियां आती हैं। किसान की नई फसल की शुरुआत होती है। मार्च अप्रैल में फसल कटाई होती है। नया अनाज घर में आता है, नया पंचांग आता है। जिससे सभी भारतीय हिंदुत्व को मानने वाले अपने सभी पर्व, विवाह इत्यादि के मुहूर्त इसी पंचांग के हिसाब से करते हैं l मनुष्य में नए रक्त का संचरण शुरू होता है। इसके अलावा विद्यार्थियों की नई कक्षा शुरू होती हैं। दिसम्बर या जनवरी में किसी बैंक या व्यापार में कोई हिसाब या खातों की क्लोजिंग नही की जाती है। न ही नए बही खाते लगाए जाते हैं। ये सभी कार्य 31 मार्च को किए जाते हैं और नए खाते 1 अप्रैल को शुरू किए जाते हैं। महंत ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि हमारा देश त्योहारों का देश है, ऋषि मुनियों का देश है और सनातन को मानने वाले है। संभव हो तो नव वर्ष ( विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 22 मार्च में मनाना शुरू कर दें। इस अवसर पर दरबार के सेवादार सोमदत्त कपूर, संदीप शीरा, राजकुमार, अमित शाहबाद, यासीन, पंकज राणा, अक्षय खन्ना, माया राम आदि मौजूद रहे।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी सत्संग करते हुए।

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