दिशा बदलने से दशा बदल जाती है : आचार्य सुमित रावल

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

कर्म से भाग्य की उत्पत्ति होती है : आचार्य सुमित रावल।
नकारात्मकता को जीवन में न आने दें : प्रो तेजेंद्र शर्मा।

कुरुक्षेत्र 4 जुलाई :- हरियाणा कॉमर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा आयोजित वस्तु एवं कार्य-आवास समन्वय पर आयोजित एक दिवसीय वेबिनार पर बोलते हुए प्रख्यात वास्तुशास्त्री एवं पराविद्या विशेषज्ञ आचार्य सुमित रावल ने कहा कि कर्म से ही भाग्य की उतपत्ति होती है। सही कर्म जीवन का निर्माण करतर हैं तथा हमें अपने आस पास के वातावरण, निवास स्थान, दफ्तर में औरा को नियंत्रित कर सकारात्मक ऊर्जा को सुदृढ़ करना चाहिए।
हमारे आसपास पांच तत्व – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश हमारे कार्य तथा विचारों का नियंत्रण करते हैं। जिनमे सही सामंजस्य आवश्यक है तथा वास्तु के सिद्धांतों से यह प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने वस्तु को लेकर अनेक भ्रान्तियों का खंडन किया और बताया कि घर किसी भी दिशा में हो सकते हैं, वे कोने वाले या टी मोड़ पर भी हो सकते हैं। इसको लेकर वहम नहीं करने चाहिए। अपने आप में हर घर एक अलग इकाई है और वास्तु के सिद्धांत उसपर लगाए जा सकते हैं। वास्तु शास्त्र के बारे यह प्रचलित है कि यह घर में तोड़फोड़ करवाते हैं, जोकि सरासर गलत है। तोड़फोड़ के अलावा रंग, तथा स्पंदन को बदलने के अनेक सस्ते और आसान उपाय हैं जिनका प्रयोग करके अपने जीवन को बदला जा सकता है।
उन्होंने बताया कि बिस्तर को सुबह त्यागकर उसपे कोई अन्य काम नहीं करना चाहिए। भोजन सही ढंग से करना चाहिए। आजकल वर्क फ्रॉम होम का चलन है। किसी भी स्थिति में बिस्तर पर बैठ कर व्यवसायिक कार्य नहीं करने चाहिए।
उन्होंने इस मौके पर बताया कि वास्तु हमारे जीवन का अभिन्न अंग है जो कि विश्वास दिलवाता है की एक सही वास्तु नियम का अनुसरण करना हमारे परिवार को सुखी,स्वस्थ रखता है,आत्मविश्वास बनाए रखता है, व हमारे जीवन को सुखमय बनाता है, इसके साथ साथ धन में बरकत को भी बढ़ावा देता है। इसके साथ साथ हर सहभागी के सभी प्रश्नों का उत्तर दिया, और इस वास्तु के माध्यम से संदेश भी दिया की पर्यावरण को हरा भरा बनाएं, व साथ ही साथ पेड़ पौधे अपने आसपास लगाएं जिससे की आपके आस पास पॉजिटिविटी बनी रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए हरियाणा कॉमर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रो तेजेंद्र शर्मा ने कहा कि कोविड काल में हमारे आस पास बहुत नकारात्मकता तथा अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में हरियाणा कॉमर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा प्रेरणात्मक भाषण श्रंखला चलाई जा रही है। वास्तु के प्रयोग से इस नकारात्मकता को कम किया जा सकता है। उन्होंने युवा शक्ति से आव्हान किया कि वे इस कठिन समय का प्रयोग नई विधाएं तथा नया ज्ञान सीखने में लगाएं ताकि आने वाले समय में वे एक सार्थक भूमिका निभा सकें।
कार्यक्रम का संचालन दयाल सिंह कॉलेज की डॉ. पूजा मल्होत्रा ने किया। इस वेबिनार में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. कैलाश चन्द्र शर्मा, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. नरेश वत्स, जानी मानी पर्यावरणविद डॉ. पूजा चोपड़ा, डॉ. संजय अरोरा, डॉ. सुनीत शर्मा, अजयपालसिंह, डॉ. मुक्ता जैन तथा अनेक जाने माने शिक्षाविद तथा उद्यमी भी शामिल हुए। कार्यक्रम के संचालन में लॉरेल, तान्या, विनीत, काजल, अंजली आदि ने योगदान दिया।

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