जालौन:वैक्सीन की जबर्दस्त कमी से धराशाई हुआ ‘क्लस्टर एप्रोच’ प्रोग्राम

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वैक्सीन की जबर्दस्त कमी से धराशाई हुआ ‘क्लस्टर एप्रोच’ प्रोग्राम

🔖 कस्बे में ही सात टीमों को इलाकों में जाकर करना था टीकाकरण
कोंच। वैक्सीन की जबर्दस्त कमी के कारण गुरुवार पहली जुलाई से शुरू होने बाला ‘क्लस्टर एप्रोच’ प्रोग्राम शुरू होने से पहले ही धड़ाम हो गया है। इस प्रोग्राम के तहत स्वास्थ्य विभाग की सात टीमों को इलाकों में जाकर टीकाकरण करना था लेकिन वैक्सीन की आपूर्ति नहीं होने के कारण इस कार्यक्रम को मुल्तवी करना पड़ा है। वैक्सीनेशन सेंटर्स को सिर्फ तीस फीसदी टीके ही मुहैया कराए जाने के कारण भयंकर मारामारी की स्थिति बनी हुई है।
1 जुलाई से बिशेष टीकाकरण अभियान शुरू होना था जिसके तहत 18 प्लस और 45 प्लस आयुवर्ग के सभी लोगों को सम्मिलित रूप से वैक्सीनेट किए जाने की योजना थी लेकिन वैक्सीन की किल्लत ने योजना की भ्रूणहत्या कर दी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उन्हें अनुमानित खपत के सापेक्ष सिर्फ तीस फीसदी टीके ही उपलब्ध कराए गए हैं जिससे क्लस्टर एप्रोच कार्यक्रम परवान नहीं चढ़ सका है। प्रोग्राम के तहत कस्बे में सात टीमों को इलाकों में जाकर लोगों को टीके लगाने थे किंतु वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण उक्त कार्यक्रम नहीं चलाया जा सका। गौरतलब है कि अभी तक 18 प्लस और 45 प्लस बालों के टीकाकरण के लिए अलग अलग व्यवस्थाएं थीं, 18 प्लस को सीएचसी या पीएचसी में टीके दिए जा रहे थे और 45 प्लस को गली मोहल्लों और गांवों में लगने बाले वैक्सीनेशन कैंपों में वैक्सीनेट किया जा रहा था। सरकार ने 1 जुलाई से नई व्यवस्था शुरू करने का ऐलान किया था जिसके तहत विभिन्न आयुवर्ग के लोगों को अलग अलग नहीं बल्कि एक साथ किसी भी वैक्सीनेशन सेंटर या कैंपों में टीके लगाए जाने की सुविधा मिलने बाली थी, लेकिन वैक्सीन की अनुपलब्धता ने नई व्यवस्था को परवान नहीं चढने दिया। मिली जानकारी के मुताबिक कोंच सीएचसी को डेढ सौ, नदीगांव सीएचसी को दो सौ और पिंडारी पीएचसी को वैक्सीन के सिर्फ छह सौ डोज ही उपलब्ध कराए गए हैं जो अनुमानित खपत का लगभग तीस फीसदी है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि शत प्रतिशत टीकाकरण की सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना कैसे लक्ष्य प्राप्ति तक पहुंचेगी।

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वैक्सीन की किल्लत पर अधिकारियों के अपने तर्क

कोंच। वैक्सीन की किल्लत और जरूरत के सापेक्ष काफी कम मात्रा में की जा रही वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अपने तर्क हैं। अधिकारी सरकारी सेवक होने के नाते कम आपूर्ति की बात कहने से बचते दिखे। खपत के सापेक्ष कम डोज मिलने पर उनका कहना है कि अफवाहों से दूर होकर लोग अब वैक्सीन लगवाने में दिलचस्पी ले रहे हैं जिसके चलते कैंपों पर लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी है। उन्हें जितनी डोज उपलब्ध हो रही हैं उतना टीकाकरण वह कर रहे हैं। गौरतलब है कि जो वैक्सीनेशन सेंटर पहले छह सौ से लेकर डेढ हजार के आसपास वेक्सीनेशन करते रहे हैं उन्हें केवल डेढ दो सौ से लेकर पांच छह सौ डोज ही अब उपलब्ध हो पा रही हैं। जबकि कैंपों में लोगों की भीड़ बढती जा रही है। ऐसी स्थिति में लोग बिना टीके के घर लौट रहे हैं।

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कोंच में 6, नदीगांव में 9 व पिंडारी में बनाए गए 10 क्लस्टर

कोंच। एक एक व्यक्ति तक डोज पहुंचाने के लिए शासन अब ‘क्लस्टर एप्रोच’ व्यवस्था लागू कर रहा है जिसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। व्यवस्था लागू होते ही इसका लाभ जनता को मिलने लगेगा। कोंच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 6 क्लस्टरों में बांटा गया है जिसमें 7 टीमें बनाई गई हैं। नदीगांव को 9 क्लस्टर में बांटा गया है जिसमें 15 टीमें काम करेंगी तथा पिंडारी को 10 क्लस्टर में बांटा गया है जिसमें 22 टीमें बनाई गई हैं। नदीगांव सीएचसी प्रभारी डॉ. देंवेंद्र भिटौरिया ने बताया कि अभी क्लस्टर एप्रोच व्यवस्था लागू नहीं हुई है लेकिन इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं उन्होंने उम्मीद जताई कि संभवतः दो तीन दिन में व्यवस्था लागू हो जाएगी और तेजी से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा।

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