“जालौन : देश मे जब से कोरोना महामारी ने दस्तक दी है तब से इसकी मार शिक्षा व्यवस्था पर पड़ी है जो कि अब तक सुचारू नही हो पाई कोरोना महामारी में कोचिंग संस्थान पूरी तरह से अभाव से संक्रमित है कोचिंग संस्थानों में करीब डेढ़ साल से टाला बन्द है इसके चलते तमाम कोचिंग संस्थानों की आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है कोरोना वायरस के कारण सभी स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद पड़े हैं इससे जुड़े शिक्षक अपने जीवन को बड़े ही मुश्किल से निर्वहन कर रहे हैं जब हमने ऐसे ही प्राइवेट कोचिंग सेंटर व संचालको से जाना की वह कैसे अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं तो तो उन्होनो बताया जब से कोचिंग बंद हुई है सब कुछ बच्चो को ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से पढ़ा रहे जिससे थोड़ी बहुत आमदनी भी हो जाती है क्योंकि सब बच्चे ऑनलाइन नही पढ़ सकते इसलिये हमारी आमदनी भी कम ही गई है और परिवार का भरण पोषण बस किसी तरीके से कर रहे हैं पढ़ाई की बात करे तो छात्रों को सामने पढ़ाने का तरीका कुछ अलग होता है और ऑनलाइन पढ़ाने का तरीका अलग होता है ऑनलाइन पढ़ाई हर छात्र के समझ मे नही आती सरकार सरकारी शिक्षक को हर महीने वेतन दे रही है लेकिन प्राइवेट शिक्षको की कोई सुध नही ले रही है परिवार को चलाना बहुत मुश्किल हो गया है बढ़ती हुई महंगाई भी रुलाने लगी है आगे कैसे परिवार का संचालन करेगे कोविड काल मे कोचिंग संस्थानों की डोर टूट चुकी हैं यदि अब भी कोचिंग व प्राइवेट स्कूल खोलने की अनुमति नही मिली तो कोचिंग संस्थानों का अस्तित्व पूरी तरह से समाप्त होना तय है”
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