वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार में पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या के समापन पर होगा पूजन एवं अनुष्ठान।
कुरुक्षेत्र, 4 जून : धर्मनगरी के जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी द्वारा सनातन के लिए की जा रही अखंड पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या का समापन 5 जून को होगा। मंगलवार को भी महंत राजेंद्र पुरी की तपस्या के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने कहा कि भारत देश को ऋषि मुनियों की धरती कहा जाता है। सदियों से ही ऋषि-मुनियों ने त्याग तपस्या कर इस देश में खुशहाली की कामना की है। वह भी इसी कामना से करीब दो दशक से ज्येष्ठ महीने की गर्मी में जनकल्याण एवं विश्व शांति के लिए पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या आ रहे हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि इस वर्ष उन्होंने अग्नि तपस्या प्रारम्भ होने से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल की विजय की कामना करते हुए तपस्या में पूजा की थी। उनका प्रण था कि नरेंद्र मोदी एवं नवीन जिंदल की विजय के साथ ही तपस्या का समापन करेंगे। उन्होंने बताया कि 5 जून को पूजा एवं अनुष्ठान के साथ समापन होगा। उन्होंने नवीन जिंदल को शुभकामनायें भी प्रेषित की। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि देश में अनेकों ऐसे संत महापुरुष हुए हैं जिन्होंने अपनी तपस्या और बलिदान से भारत वर्ष की धरा को पावन पवित्र किया है। इसी लिए भारत को महात्माओं की तपोभूमि माना गया है। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि संत का जीवन हमेशा परमार्थ के लिए रहता है। संत जो भी करता है वह परमार्थ के लिए करता है। देश की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए संत यह तपस्या करते हैं। परमात्मा को खुश करने के लिए यह तपस्या की जाती है। इस अवसर पर गुरिन्दर सन्दोखी, मोनू, सागर अंबाला, गगन छापर, कमलजीत छापर, कुलदीप देवीदास पुरा, विकास लाड़वा, मनीष मनोदी, दर्शन कुरुक्षेत्र, नरेश पानीपत व रवि शर्मा कुरुक्षेत्र इत्यादि मौजूद रहे।
अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या करते हुए महंत राजेंद्र पुरी।