जनपद कन्नौज में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तम्बाकू का किसी भी रुप में कभी भी उपयोग करना नुकसानदेह ही हैं। यह न सिर्फ इस्तेमाल करने वाले को नुकसान पहुंचाता हैं बल्कि आस-पास के लोगों को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता हैं। इस पर काबू पाने के लिए सरकार और स्वास्थ्य महकमे के साथ ही विभिन्न संस्थाएं भी लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। यह समस्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की समस्या बन चुकी है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है।जिसके जरिये लोगों को तम्बाकू के खतरों के प्रति सचेत किया जाता है। इसी के चलते प्रतिवर्ष किसी न किसी एक विशेष थीम के साथ इस दिवस का आयोजन कर लोगों को तम्बाकू जैसे जानलेवा पदार्थ के सेवन से बचने के लिए प्रेरित किया जाता हैं। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व तम्बाकू नियंत्रण के नोडल डा.राम मोहन तिवारी ने बताते है कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य तंबाकू व ध्रुम्रपान सेवन के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को सजग करने तथा इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरुक करना है। ताकि युवाओं को तम्बाकू सेवन का आदी होने से बचाया जा सके। लेकिन कोरोना के संक्रमण को देखते हुए इस बार जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन संभव नहीं है। इसलिए सोशल मीडिया, प्रिंट मिडिया, फेसबुक लाइव, व विज्ञापनों के जरिये धूम्रपान के खतरों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू स्वास्थ्य के लिए खतरनाक तो है ही पर कोविड-19 के संक्रमण काल में आपकी यह आदत जानलेवा हो सकती है। क्योंकि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में वायरस के फेफड़ों में प्रवेश करने का खतरा और बढ़ जाता है। तम्बाकू नियंत्रण के जिला सलाहकार डा.रवि प्रताप ने बताया कि तंबाकू का सेवन तकरीबन हर उम्र के लोगों द्वारा किया जाता है। ज्यादातर महिलाओं युवाओं और किशोरों में तम्बाकू व ध्रुम्रपान का सेवन फैशन के रूप किया जाता हैं पर इसकी शुरूआत किसी भी रूप में क्यों न हो लेकिन ये कब आदत फिर जरूरत और फिर लत बन जाती है। व्यक्ति को पता नहीं चलता। तंबाकू का सेवन किसी भी रूप में किया जाए। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। उन्होंने बताया कि लोगों में तम्बाकू की बढ़ती लत रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा बनाया गया है। अगर कोई व्यक्ति इसका सेवन करते हुए पाया जाता है तो कानून द्वारा उन्हें दंड भी दिया जाता है। इसके अलावा अभी कोविड-19 संक्रमण के दौरान भी अगर किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर तम्बाकू सेवन करते हुए या थूकते हुए पाया जाता है तो उसे आर्थिक दंड के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने का प्रावधान लागू किया गया है। लत छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल में बना काउंसलिंग सेन्टर
जिला अस्पताल कन्नौज में तैनात साइकोलाजिस्ट काउसंलर महेन्द्र प्रताप ने बताया कि तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने वाले की लत छुड़ाने के लिए जिला अस्पताल कन्नौज में 5 वर्षों से काउंसलिंग सेंटर बना हैं। काउंसलिंग सेन्टर पर अब तक लगभग 11,000 (ग्यारह हजार) लोगों की काउंसलिंग की गई है। काउंसलिंग के दौरान लोगों को तम्बाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी दी जाती हैं इसके साथ तम्बाकू की लत छुड़ाने के लिए निकोटिन च्वींगम,निकोटिन पैच आदि दिए जाते हैं।