इंद्रियां और मन का नियंत्रण केवल ध्यान के माध्यम से ही संभव : कुलपति प्रो. धीमान

श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में विश्व ध्यान दिवस पर ध्यान शिविर आयोजित।
कुरुक्षेत्र (प्रमोद कौशिक) : श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में प्रथम विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में ध्यान शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान, कुलसचिव प्रो. ब्रिजेंद्र सिंह तोमर, आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य प्रो. आशीष मेहता तथा योग विभाग की चेयरपर्सन प्रो. शीलत सिंगला उपस्थित रहीं। ध्यान सत्र का संचालन योग शिक्षक योगेंद्र कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. करतार सिंह धीमान ने कहा कि आयुर्वेद में आयु की परिभाषा शरीर, मन, आत्मा और ध्यान के संतुलन से जुड़ी हुई है। आत्मा के दो साधक इंद्रियां और मन हैं, जिनका नियंत्रण केवल ध्यान के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने कहा कि अष्टांग योग में ध्यान सातवें स्थान पर आता है और यम-नियम के पालन के बिना ध्यान संभव नहीं है। योग, आयुर्वेद का अभिन्न अंग है। कुलपति ने विद्यार्थियों को ब्रह्ममुहूर्त में नियमित ध्यान अभ्यास करने का आह्वान किया।
योग विभाग की चेयरपर्सन प्रो. शीलत सिंगला ने कहा कि ध्यान मानसिक तनाव को कम करने के साथ-साथ व्यक्ति को आत्मबोध की ओर ले जाता है। नियमित ध्यान अभ्यास से एकाग्रता, स्मरण शक्ति और भावनात्मक संतुलन में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में ध्यान युवा पीढ़ी के लिए अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर प्रो. अमित कटारिया, प्रो. आशु, प्रो. रवि राज, प्रो. विदुषी त्यागी, प्रो. सीमा रानी, प्रो. कृष्ण कुमार, उप कुलसचिव विकास शर्मा, डॉ. जोरावर सिंह सहित विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक,अधिकारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।




