तमिलनाडु में कुन्नूर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय वायु सेना के एम17 हेलीकॉप्टर का डेटा रिकॉर्डर यानि ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद यह जानकारी सामने आ सकती है कि आखिरी समय में ऐसा क्या हुआ था, जिसके कारण हेलिकॉप्टर अचानक क्रैश हो गया, जिससे सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 जवानों की मौत हो गई। आपको बता कि कि हर विमान या हेलिकॉप्टर में एक डेटा रिकॉर्डर होता है, जो उड़ाने के दौरान हर डेटा और कॉकपिट वार्तालापों को रिकॉर्ड करता है। हेलीकॉप्टर के अवशेषों की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि दुर्घटना के बाहरी कारण तो नहीं थे।
मिली जानकारी के मुताबिक विंग कमांडर आर. भारद्वाज की टीम ने ब्लैक बॉक्स बरामद किया है। अब इसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा इस भयावह हादस में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के इलाज के लिए भी एक टीम पहुंच चुकी है। हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वे ही एक मात्र जीवित बचे व्यक्ति हैं। वह वेलिंगटन आर्मी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।
CDS जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना के बाद अब एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी दिल्ली घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। वे आज दुर्घटनास्थल का मुआयना करेंगे। घटना के बाद वायुसेना पहले ही जांच के आदेश दे चुकी है।
हादसे में इन 11 जवानों की भी गई जान
– ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर
– सीडीएस सैन्य सलाहकार और स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह
– विंग कमांडर पी.एस. चव्हाण
– स्क्वाड्रन लीडर के. सिंह
– जेडब्ल्यूओ दास
– जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए
– हवलदार सतपाल
– नायक गुरसेवक सिंह
– नायक जितेंद्र कुमार
– लांस नायक विवेक कुमार
– लांस नायक साई तेजा
हेलिकॉप्टर हादसे की जांच के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ के आदेश दिए हैं। वायुसेना ने जानकारी दी है कि बड़े अफसोस के साथ इसकी पुष्टि हुई है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई।
जनरल बिपिन रावत सशस्त्र बलों के समन्वय और उनकी युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए तीनों सेवाओं की महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना के कार्यान्वयन की देखरेख कर रहे थे। जनरल रावत 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय सेना के प्रमुख थे। इसके बाद सरकार ने 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में उन्हें नियुक्त किया गया था। जनरल रावत 2015 में भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे।