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योगी सरकार मंशा पर पलीता लगाने वाले भ्रष्ट अधिकारी जिम्मेदार मेहरबान
संत कबीर नगर जनपद के साथा ब्लाक का नाम सुर्खियों में रहा है लेकिन इन दिनों यहां पर तैनात भ्रष्ट ग्राम पंचायत अधिकारियों की कार्य गुजारी के चलते फिर से सुर्खियों में आ गया है विकासखंड की एक अलग पहचान रही है लेकिन इन दिनों पर तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी 30 और 70 खेल खेल रहे हैं इस खेल को समझने के लिए बहुत गहराई में नहीं जाना पड़ेगा क्योंकि यह खुलेआम सब कुछ हो रहा है उससे पहले आप भी यह जान ब्लाक में कुल 81 ग्राम पंचायत है और इन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत अधिकारियों को दी गई है जिससे गांव में विकास हो गांव उन्नति की तरफ हो और गांव में लोगों को रोजगार मिले इन सबसे पहले आपको 30 और 70 का खेल समझना होगा दरअसल यहां के ग्राम पंचायत अधिकारी 30% कमीशन खुलेआम लेते हैं और 70 प्रतिशत में काम करना होता है काम कितना धरातल पर होगा यह कमीशन की रकम सुनकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है भ्रष्ट कर्मचारियों का कहना है कि पहले कमीशन लाओ फाइल बनवाओ और फिर काम करवाओ जिसने भी कमीशन देने से मना कर दिया काम करवाने की इच्छा नहीं जाहिर की उन्हें अधिकारियों से शिकायत करके नोटिस जारी कराया जाता है यानी बिना कमीशन दिए जा नहीं सकते एक कहावत यहां सटीक बैठती है कि बकरी की मां कब तक खैर मनायेगी साहब के कारगुजारी की पीछे भी एक कहानी है दरअसल अधिकतर ग्राम पंचायतों में महावत गांव के विकास की रूपरेखा तय करने के बाद अपनी जेब गरम करने में लगे हैं कहा जाता है कि इसलिए यहां 30 और 70 का खेल चलता है अधिकतर ग्राम पंचायतों में इन दिनों सरकार रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा योजना से कार्य कराने के लिए सख्त निर्देश दिया गया है लेकिन मनरेगा सिर्फ नाम का रह जा रहा है अधिकतर ग्राम पंचायतों में बाहर के मजदूरों को लगाया गया है और मास्टर रोल में मजदूरों की संख्या दोगुनी दिखाई जाती है जो काम 4 दिन में होना है उसे 10 दिन दिखाकर सरकार के धन को डकार आ जा रहा है और इसलिए हिस्सेदारी की रकम बढ़ाई गई है चर्चा यहां तक है कि जिन ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान है वहां तो कथित प्रतिनिधि का बोलबाला है क्योंकि उस 70 प्रतिशत में भी काम आधा हो रहा है और 50% सीधा प्रतिनिधि डकार रहे हैं
अकबर अली बीबी न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट संत कबीर नगर