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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में पहुंचे 19 राज्यों के 125 शिल्पकार।
शिल्पकारों में 22 राष्ट्रीय अवार्डी, 18 राज्य अवार्डी।
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 16 अवार्ड शिल्पकार बढ़ा रहे महोत्सव की शान। एनजेडसीसी की तरफ से किया गया है शिल्पकारों को आमंत्रित।
कुरुक्षेत्र 3 दिसंबर : ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देश के 19 राज्यों की शिल्पकला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सज चुकी है। इस अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2021 में देश की शिल्पकला को एक साथ देखने का एक अद्भुत और सुनहरी अवसर पर्यटकों को मिला है। इस महोत्सव में 19 राज्यों से 125 शिल्पकार पहुंचे है। इन शिल्पकारों में 22 राष्ट्रीय अवार्डी और राष्ट्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित है। इसके अलावा 18 शिल्पकारों को राज्य अवार्ड भी मिल चुका है। इन शिल्पकारों के लिए राज्य सरकार, प्रशासन और केडीबी की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए गए है।
उपायुक्त मुकुल कुमार ने बातचीत करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में पर्यटकों के लिए देशभर से शिल्पकारों को निमंत्रण भेजा गया था। इस वर्ष कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार देश के चुनिंदा शिल्पकारों को ही आमंत्रित किया गया। इसके लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला (एनजेडसीसी) को शिल्पकारों को आमंत्रित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई।
इस संस्थान के माध्यम से देश के सभी राज्यों को पत्र लिखकर शिल्पकारों को कुरुक्षेत्र में भेजने के लिए निवेदन किया गया। इस निवेदन के बाद अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में 19 राज्यों के 125 शिल्पकार पहुंच चुके है। इसमें हिमाचल से 5, आसाम से 5, बिहार से 2, उत्तराखंड से 8, पांडिचेरी से 1, तमिलनाडु से 2, दिल्ली से 7, चंडीगढ़ से 4, मध्य प्रदेश से 9, राजस्थान से 9, वेस्ट बंगाल से 11, हरियाणा से 12, गोवा से 2, झारखंड से 2, छत्तीसगढ़ से 3, पंजाब से 10, जम्मू कश्मीर से 12 और उतर प्रदेश से 21 शिल्पकार पहुंचे है।
उन्होंने कहा कि इन शिल्पकारों में 21 शिल्पकार राष्ट्रीय अवार्डी, 1 राष्ट्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित, 18 स्टेट अवार्डी, 2 संत कबीर अवार्डी, 2 जिला अवार्डी, 1 कला श्री अवार्डी सूरजकुंड शामिल है। इस वर्ष अकेले जम्मू कश्मीर से 8 अवार्डी, 1 स्टेट अवार्डी और 1 संत कबीर अवार्डी शिल्पकार है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से 9 राष्ट्रीय अवार्डी, 6 स्टेट अवार्डी और 1 कला श्री अवार्ड से सम्मानित है। यह शिल्पकार हैंडलूम, टेक्सटाइल, लैदर, कांस्य मेटल ज्वेलरी, कैन एंड बम्बू, लक्त साड़ी है सिल्क ड्रेस मेट, कलमकारी ड्रेस मेट, हैंड प्रिंटेड टेक्सटाइल, जैकेट-कोट, शॉल, बैड शीट, बेड कवर, फ्लोर कवरिंग, पैच वर्क, वुडन कारविंग, लैदर आर्ट, ज्वैलरी, टेराकॉट पॉट, डोल एंड टवायज, वूडन टॉयज, वुडन एंड जरी, पेंटिंग, जयपुरी रजाई, नामदा, स्टोन कारविंग, मीनाकारी ज्वैलरी, पैडी एंड स्ट्रा क्राफ्ट, ड्राई फ्लावर, सोलापिट, पोईट्री एंड क्ले, पंजाबी जूती, फुलकारी, पश्मीना शॉल, कनी शॉल, पेपर मच्ची, कावा एंड ड्राई फ्रूट, करुवा बूटी साड़ी, ब्लू आर्ट पोएट्री पर्यटकों के लिए ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर सज चुकी है।