वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
मुरथल : आदरणीय समर्थगुरु की कृपा से परवाणु, हिमाचल प्रदेश में एक दिवसीय ध्यान शिविर खूब धूम-धाम से संपन्न हुआ।
ध्यान सभा का संचालन ओशोधारा मैत्री संघ हिमाचल के कोऑर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी ने किया।
उन्होंने आनंदित जीवन के गहरे सूत्रों को बताते हुए सुप्रभात ध्यान करवाया।
आचार्या मां साधना ने ध्यान के फायदे बताते हुए, ब्रह्मनाद ध्यान का प्रयोग करवाया। साधकों ने गहरे ध्यान में डुबकी लगाई।
सभी साधकों की ओर से हर महीने एक दिवसीय ध्यान शिविर करवाने का निवेदन किया गया।
साधकों का फीड बैक प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक रहा।
एक दिवसीय ध्यान कार्यक्रम को सफल बनाने में स्वामी गुरमीत, मां जया गोयल, रेनू शर्मा, अर्चना, सोनी, नंदी एवं पूरे हिमाचल संघ के साधकों का सराहनीय योगदान रहा।
ओशोधारा संस्थान के मुख्य संस्थापक समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने आज ट्विटर में साधना का महत्वपूर्ण संदेश दिया कि यह सृष्टि प्रभु के प्रेम की अभिव्यक्ति है। तुम जो चाहो,वह सब कुछ देने को राजी है। संकल्पना में जीयो। अतिरेक, वैभव, ऐश्वर्य में जीयो। उदारता, संवेदना, प्रेम, अहिंसा में जीओ। हमारी संकल्पना के अनुसार स्वतः ही हमारा पुरुषार्थ एवं प्रकृति का आयोजन होता जाता है।