संविधान की कसम किनारे रखकर डलमऊ पुलिस ने आखिरकार नहीं दर्ज की लेखपाल पंकज वर्मा के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट

रिपोर्टर संदीप मिश्रा
संविधान की कसम किनारे रखकर डलमऊ पुलिस ने आखिरकार नहीं दर्ज की लेखपाल पंकज वर्मा के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट
रायबरेली ऊंचाहार तहसील में तैनात लेखपाल पंकज वर्मा के विरुद्ध की पुलिस ने संविधान को किनारे रखकर कसम खा ली है कि कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। मामला थाना क्षेत्र के चक मलिक भीटी का है। जहां की रहने वाली एक महिला ने गांव के ही पंकज वर्मा रिंकू लोध और एक अन्य व्यक्ति की थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी कि रिंकू लोध उसके घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया । मौके पर रिंकू लोध के सहयोगी के तौर पर लेखपाल पंकज वर्मा और एक अन्य व्यक्ति भी था । रात के लगभग दस बजे की घटना होने के कारण महिला उस अज्ञात व्यक्ति को पहचान नहीं पाई। महिला ने इस घटना की शिकायत थाने में की परंतु थाने की पुलिस ने पंकज वर्मा को पाक साफ, ईमानदार और शुद्ध चरित्र होने का कैरेक्टर बनाकर दे दिया। नतीजा यह हुआ कि ना तो रिंकू लोध और ना ही पंकज वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो पाई और ना ही पुलिस या पता लगा पाई कि आखिरकार तीसरा व्यक्ति कौन था ? थाने की पुलिस का कहना है कि पंकज वर्मा के मामले में जब उन्होंने गांव वासियों से छानबीन की तो पता चला कि पंकज वर्मा चिकन पॉक्स नामक बीमारी से ग्रसित थे। वहीं महिला का कहना है कि उसने कहीं पर नहीं लिखा है कि पंकज वर्मा ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया बल्कि यह लिखा है कि पंकज वर्मा दुष्कर्म के आरोपी रिंकू लोध के सहयोगी बनकर आए हुए थे। और घर भीतर उसकी बेटी और उसकी साथ मारपीट में शामिल रहे और उसको जान से मारने की धमकी देकर चले गए। बताते चले कि डलमऊ पुलिस ऊंचाहार तहसील में तैनात पंकज वर्मा पर इतनी मेहरबान है कि खुद उसकी पत्नी ने जब शिकायत दर्ज करवाई तो उसकी रिपोर्ट 1 हफ्ते बाद लिखी। यहां तक की उसने जब अपना प्रार्थना पत्र मांगा तो उसे भी नहीं प्रस्तुत कर पाई। क्योंकि पूरा प्रार्थना पत्र ही पुलिस ने गायब कर दिया। वही आर्केस्ट्रा में और एक पत्नी के रहते हुए अन्य जगहों पर अपनी शादी की बात तय करने के मामले भी देख पाल पंकज वर्मा के चरित्र को उजागर करते हैं और खुद पंकज वर्मा की पत्नी ने जाकर चोरी चुपके होने वाली शादी को रूकवाई थी लेकिन थाने की पुलिस कहती है कि पंकज वर्मा जैसा चरित्रवान व्यक्ति दुनिया में कोई नहीं है। वही इस मामले में कानून के जानकार कहते हैं कि महिला जब दुष्कर्म ऐसी बात कह रही है तो कानूनन पहले रिपोर्ट दर्ज करके मामले की छानबीन करनी चाहिए। लेकिन थाने की पुलिस इसमें उल्टा काम कर रही है पहले छानबीन कर रही है और उसके बाद पूरे मामले को मात्र मारपीट में दर्ज करके उसने यह साबित कर दिया कि पंकज वर्मा और डलमऊ पुलिस आपस में गठबंधन करके क्षेत्र में आतंक फैला रहे हैं। वही जब इस मामले की रिपोर्ट पुलिस ने मात्र मारपीट में की शिकायत जब दर्ज कर दी तो महिला ने इस गंभीर घटना की गुहार अब पुलिस अधीक्षक के बाद न्यायालय में गुहार लगाई है।