श्रीशिव महापुराण कथा में भगवान शिव-पार्वती की सजाई झांकी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

कुरुक्षेत्र, 28 जुलाई : शास्त्री नगर के हरिेओम मंदिर में चल रही 13 दिवसीय श्रीशिव महापुराण कथा के सांतवे दिन रविवार को कथा व्यास पंडित अरुण मिश्रा ने भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह प्रसंग सुनाया गया। इससे पूर्व भगवान शिव -माता पार्वती और शिव महापुराण की विधिवत पूजा अर्चना करने के बाद कथा शुरू हुई। इस दौरान भगवान शिव-पार्वती सजीव झांकी भी सजाई गई। इस दौरान कथा वाचक अरुण मिश्रा ने प्रवचन देते हुए कहा कि वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी न हो लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दें। भगवान का नाम स्मरण करने मात्र से हर एक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आत्मा का परमात्मा से मिलन ही शिव में लीन हो जाना है। कथा वाचक ने शिव-माता पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए कहा कि माता पार्वती ने हिमालय राजा के यहां पर जन्म लिया था। पार्वती बचपन से ही भगवान भोलेनाथ को मानती थी। उन्होंने कथा सुनाते हुए कहा कि भोलेनाथ व माता पार्वती के विवाह के पहले से ही तारकासुर राक्षस का तीनों लोक में अत्याचार था और उसका वध भोलेनाथ व माता पार्वती के पुत्र से होना था। इसीलिए भोलेनाथ व माता पार्वती का विवाह पहले से ही होना तय था। इस अवसर पर सतीश शर्मा, शमशेर, सविता मिश्रा, जितेंद्र शर्मा, वेद प्रकाश जेटली, सुभाष अरोड़ा, तरुण वधवा, बलदेव पुंज, विपिन गुप्ता, पवन गुप्ता, प्रवीण गोयल, चेतराम शर्मा, प्रदीप गुप्ता, विजय सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
कथा सुनाते पंडित अरुण मिश्रा।
भगवान शिव-पार्वती की झांकी।

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