डेहरी ऑन सोन (अजय कुमार) ।कोरोना संक्रमण को लेकर लगाया गया लॉकडाउन का असर सब्जियों की कीमत पर पड़ा है। लॉकडाउन के कारण ग्रामीण इलाके में सब्जियां काफी सस्ती हो गई हैं, वहीं शहरों में भी सब्जियों की कीमत घटी है। जिसका असर किसानों की आमदनी पर पड़ा रहा है। सब्जी की बिक्री में उन्हें मुनाफा तो दूर लागत निकलना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल पहले जहां किसान हरी सब्जी को गांव से शहर बेचने के लिए ले जाते थे, जहां उनकी सब्जी बिकती भी थी और मुनाफा भी मिलता था। मगर लॉकडाउन में स्थिति बदल गई है।
वर्तमान समय में हरी सब्जी को गांव से बाहर निकाल पाना मुश्किल है। कब पुलिस की लठ पड जाए। जो शहर से सटे गांव में सब्जी उत्पादन करते हैं, उनके लिए तो फिर भी थोड़ी राहत है कि सुबह में छूट का लाभ उठाते हुए अपनी सब्जी को शहर में बेच आ रहे हैं। हालांकि यहां भी उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिल पा रही है। जो किसान शहर से दुर हैं वे तो किसी तरह गांव में ही घूमकर अपनी सब्जी को बेच पाने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें एक तरफ तो जहां सही मुनाफा नहीं मिल पाता है, वहीं हरी सब्जी बच भी जाती है जिसे औने-पौने दाम में बेच देना पड़ता है। शहर में सब्जी बेचने आए उत्पादक मनोज मेहता सरयू कुशवाहा पवन सिंह रामजी प्रसाद ने बताया कि लग्न के अवसर पर सब्जियों की डिमांड रहती थी परंतु इस वर्ष शादियों में भी 20 व्यक्ति से अधिक शामिल नहीं होना है । जिसके कारण भोजन भी मात्र 20 व्यक्ति का बन रहा है। इसलिए लग्न में भी सब्जियों की डिमांड नहीं है। पहले गांव में उत्पादित सब्जी शहर से दूर भेजे जाते थे परंतु अब सब्जियां बाहर नहीं जा रही है। खपत शहर में उतनी है नहीं जिससे किसानों की आमदनी और उनकी सब्जी पूरी बिक सके। किसानों ने बताया कि महंगी बीज एवं खाद डालकर सब्जी के पौधे उगाये है परंतु उत्पादन के बाद भी बिक्री नहीं होने से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है । किसानों की मजदूरी भी नहीं निकल रही है।