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जिलाधिकारी को दिया प्रार्थना पत्र मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की है माग
आजमगढ ।थाना कन्धरापुर दशरथ पुत्र रामराज निषाद निवासी ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर लगाई न्याय की गुहार पूरा मामला पीड़ित दशरथ जोलहापुर असाधरपट्टी अपने घर के सामने अपनी आवश्यकतानुसार नियम व कानून के हिसाब से कुछ आबादी की जमीन नगद मूल्य देकर बैनामा लिया। पड़ोसी रंजिशवश एवं कुछ विरोधियों के बहकावे में आकर उक्त जमीन पर विवाद पैदा कर दिये जिसका मामला माननीय न्यायाधीश दीवानी न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है। जब उक्त पड़ोसी व रजिश रखने वाले कुछ गांव के रंजिश रचने वाले कुछ गाँव वालों की सलाह पर मेरे पड़ोसी राजनेत पुत्र नोखई ने अपनी पत्नी सरोज को आधार बनाते हुए कूटरचित एवं फर्जी प्रार्थना पत्र सम्बन्धित थाना कन्धरापुर को देते हुए मेरे पुत्र संदीप निषाद पर फर्जी आरोप लगाया तत्पश्चात मेरे पुत्र को थाने बुलाया गया। जाँच प्रक्रिया के बाद सभी आरोप फर्जी निकले जिससे पीड़ित का पुत्र घर वापस आ गया। दो दिनों के बाद पुनः कूटरचित विरोधियों द्वारा प्रार्थना पत्र सम्बन्धित थाने पर दिया था मेरे बेटे को थाने पर बुला गया जहां प्रभारी निरीक्षक ने कहा की शिकायतकर्ता महिला है मेरी मजबूरी है। मेरे पुत्र को 107/16 में पाबन्द कर दिया गया। उप जिलाधिकारी के यहां से जमानत कराकर घर लौटने पर उक्त लोगों व शिकायतकर्ता महिला के पति के बहकावे में आकर शिकायतकार्त महिला मेरे परिवार जनों एवं पुत्र को गाली गलौज जान से मारने क धमकी देते कहा गया मैं महिला हूँ जब तक मैं तुम्हे फर्जी मुकदमें में जेल नहीं भेजवा दूंगा तब तक चैन की सास नही लूँगी। मेरे पुत्र द्वारा जब इस बात की शिकायत सम्बन्धित थाने पर किया गया तो कोई सुनवाई नही हुई उक्त महिला शिकायतकर्ता प्रतिदिन एक नया नया प्रार्थना पत्र सम्बन्धित थाने पर दिया जाता है। जिस क्रम में मेरे पुत्र को रोज-रोज थाने पर बुलाया जाता है। पीड़ित द्वारा जब न्यायालय के मुकदमें से सम्बन्धित कागजात दिखाया जाता है तो सम्बन्धित पुलिसकर्मी महिला का हवाला देते हुए पीड़ित की बात अनसुनी कर देते है। ऐसी स्थिति में पीड़ित काफी हतास परेशान व मानसिक रूप से परेशान है। रोज रोज की गाली गलौज धमकी व पुलिस कर्मियों के उत्पीड़न की कार्यवाही से परेशान होकर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र मामले की जाच कराकर दोषियों के ऊपर कार्रवाई की मांग की है