चंदौली में विभागों को नहीं मिले पौधे, गड्ढे खाेदने का काम भी पड़ा अधूरा…. जानिए किसको कितना लगाना है पौधा

26 विभागों को लगाना है 25 लाख पौधे

(अशोक जायसवाल)

नौगढ़। पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान के तहत जिले में 20 जुलाई को एक साथ 62.920 लाख पौधे रोपित होने हैं लेकिन, अब तक संबंधित विभागों को पौधे तक वितरित नहीं हाे सके हैं और ना ही इन्हें लगाने के लिए गड्ढों को खोदने का काम पूरा हुआ है। पौधारोपण को लेकर शासन बहुत अधिक सख्त है। स्वयं मुख्यमंत्री इस पूरे कार्यक्रम पर नजर रखे हुए हैं। यही कारण है कि जिला स्तर पर डीएम निखिल टीकाराम फुंडे बार-बार बैठक कर निर्देश दे रहे हैं लेकिन, संबंधित विभाग अभी इस ओर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। वन विभाग भी पौधों का वितरण धीमी गति से कर रहा है। ऐसे में तय समय सीमा में इतने पौधों का वितरण होना संभव नजर नहीं आ रहा है। अभी तक मात्र 20 से 25 प्रतिशत पौधों का ही वितरण हो सका है। जबकि, शासन के निर्देश हैं कि जनपद की जिला वृक्षारोपण समिति के समस्त विभागों के साथ बैठक कर पौधों की मांग, अग्रिम मृदा कार्य आदि प्रस्तुत करना है। साथ ही पौधशालाओं से पौधों के वितरण हेतु डीएसटी के माध्यम से संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा क्यूआर कोड इंडेंट जारी किए जाने हैं। इसी माध्यम से ही पौधों का वितरण किया जाएगा। डीएफओ रामनगर दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि विभागों को ऑनलाइन माध्यम से पौधों का वितरण कराया जा रहा है। तय समय में पौधे वितरित कर दिए जाएंगे। गड्ढों की खुदाई का कार्य भी तेजी से चल रहा है।
…………………….
बीते वर्ष भी बरती गई थी लापरवाही

शासन ने पौधरोपण करने के साथ ही उनकी जियो टैगिंग कराने के निर्देश भी दिए हैं। बीते वर्ष भी कई विभागों ने यह बता दिया था कि उन्होंने सभी जगह पौधे लगवा दिए हैं लेकिन, जियो टैगिंग के समय विभागों की पोल खुल गई थी। कई माह तक डीएम और सीडीओ की फटकारों के बाद विभागों के अधिकारियों ने टैगिंग का कार्य पूरा कराया था। इसका मतलब साफ था कि विभागों ने पौधारोपण समय से किया ही नहीं था।

विभागों को मिला लक्ष्य

विभाग का नाम-
मिला लक्ष्य

वन विभाग
3500000

पंचायती राज विभाग
137000

औद्योगिक विकास
8000

लोक निर्माण विभाग
12000

रेशम विभाग
23000

सिंचाई जल शक्ति विभाग
13000

कृषि विभाग
268000

पशुपालन विभाग
7000

सहकारिता विभाग
6020

उद्योग विभाग
8000

रेलवे विभाग
13000

विद्युत ऊर्जा
5600

उच्च शिक्षा
18000

रक्षा विभाग
4000

प्राविधिक शिक्षा
5000

बेसिक शिक्षा
13000

माध्यमिक शिक्षा
8000

उद्यान विभाग
166000

गृह विभाग
8400

स्वास्थ्य विभाग
11000

उच्च शिक्षा
18000

पुलिस (गृह) विभाग
7000

नगर विकास विभाग
20000

पर्यावरण विभाग
352000

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