हरियाणा: लाला जगत नारायण को पत्रकारिता का स्तंभ बताते हुए विज ने मीडिया वेलबींग एसोसिएशन के कार्यक्रम में कहा आज उस महान शख्सियत जैसी निर्भीक पत्रकारिता की जरूरत

लाला जगत नारायण को पत्रकारिता का स्तंभ बताते हुए विज ने मीडिया वेलबींग एसोसिएशन के कार्यक्रम में कहा आज उस महान शख्सियत जैसी निर्भीक पत्रकारिता की जरूरत।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

मीडिया वेलबींग एसोसिएशन का प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का हुआ आयोजन।
मंत्री विज ने पत्रकारों के उत्थान के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की।
एसोसिएशन जल्द अपने सदस्यों तथा उनके परिवारों के लिए निशुल्क अपने खर्च पर करवाएगा जीवन बीमा पॉलिसी।

चंडीगढ़ : मीडिया वेलबिंग एसोशिएशन हरियाणा का रविवार को अंबाला के किंगफिशर पर्यटन स्थल में आयोजित हुए प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम एवं संगोष्ठी में प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री अनिल विज ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। जिसमें उन्होंने लाला जगत नारायण को देश की पत्रकारिता का स्तंभ बताते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान सरकार द्वारा लाइट काट देने के बावजूद जिस प्रकार से उन्होंने ट्रैक्टर से प्रेस चलाकर असलियत को आमजन तक पहुंचाया यह वास्तव में एक सही मायने में पत्रकार का काम है। कार्यक्रम की अध्यक्षता दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल, विशिष्ठ अतिथि दैनिक उत्तम हिंदु के प्रधान संपादक इरिविन खन्ना, मुख्य वक्ता-प्रसार भारती के सलाहकार ज्ञानेन्द्र भरतरिया ने की। इस कार्यक्रम में प्रदेशभर के पत्रकार शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर चंद्र शेखर धरणी ने इस कार्यक्रम के दौरान भविष्य में 3 अवार्ड शुरू करने की घोषणा की। जिसमें देश के महान पत्रकार अमर शहीद लाला जगत नारायण अवार्ड, पत्रकारिता रतन अवार्ड शामिल है। कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के प्रमुख समाजसेवियों और अन्य क्षेत्रों में समाज हित में अद्भुत कार्य करने वाली शख्सियतों को भी सम्मानित किया गया। मीडिया वेलबिंग एसोशिएशन द्वारा की गई इस पहल की प्रशंसा इस फील्ड के प्रबुद्ध और वरिष्ठ लोगों में चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में सामाजिक सक्रियता के लिए डॉ. प्रवीण मल्होत्रा( पानीपत), डॉ. पंकज शोरी (पंचकुला), डॉ.  गुरविंदर बल (पंचकुला), विशाल कुमार (नुह), जदगीश (पंचकुला), अक्षिल (पंचकुला), कमल (गुरुग्राम), प्रवीण (डी पी आर पुलिस मुख्यालय) व अन्य को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में यूनियन द्वारा सदस्यों के लिए  करवाई गई दस-दस लाख रुपए की दुर्घटना मृत्यु बीमा योजना की इंड्यूजल बीमा पॉलिसी व बीमा कम्पनी की तरफ से जारी स्मार्ट कार्ड स्वयं कैबिनेट मंत्री अनिल विज द्वारा पत्रकारों को सुपुर्द की गई। संस्था द्वारा करवाए गए इस बीमे का कोई भी शुल्क किसी पत्रकार से नहीं लिया गया। अपने खर्चे पर संस्था द्वारा करवाए गए बीमे से पत्रकारों में काफी खुशी नजर आई। कार्यक्रम के दौरान एसोसिएशन ने  यह भी घोषणा की कि भविष्य में भी पत्रकारों के लिए बीमा निशुल्क बीमा करवाना जारी रखेगी। 
पत्रकारिता में गिरावट के लिए पत्रकार नहीं बल्कि बाजारवाद जिम्मेवार : नरेश कौशल।
दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल ने मंच पर बोलते हुए पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि 2014 में अनिल विज के विजयी होने पर जब सारे जीते हुए विधायक सर्वोत्तम पद की दौड़ को लेकर दिल्ली दरबार में पहुंचे हुए थे तो अनिल विज के साथ वह भी उनके घर पर मौजूद थे। जब उन्होंने विज से दिल्ली ना जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि विज ने कभी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाए। जिसके वह हकदार है वह उन्हें अवश्य मिलेगा। कौशल ने कहा कि जवानी से लेकर अब तक उन्हें लगातार देखता रहा हूं। आज भी प्रदेश के ताकतवर कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद छोटी सी चाय की दुकान पर छोटे-छोटे कांच के गिलास में चाय पीने और रोजाना हजारों की संख्या में लाइने लगाकर खड़ी भीड़ के एक-एक व्यक्ति की शिकायत को सुनकर मौके पर निदान की कोशिश करने से हमें जीने की शिक्षा मिलती है। जिस प्रकार से विज ने बड़े संघर्ष के बाद इस मुकाम को हासिल किया है, उसी प्रकार से देश समाज के लिए हर पत्रकार को अपने आपको  न्योछावर करना चाहिए। स्वतंत्रता संग्राम की आंधी ने पत्रकारिता को जहां बलवान और हष्ट पुष्ट बनाया, वही आज बाजारवाद की आंधी ने बहुत कुछ खोया है तहस नहस किया है। लेकिन पत्रकारिता निजी हाथों में होने के कारण पत्रकार को मालिकों और खबर के मालिकों के बीच जूझना पड़ता है। पत्रकारों पर बाजारवाद का आर्थिक दबाव रहता है। इसलिए पत्रकारों के सिद्धांतों और स्वाभिमान में काफी मुश्किलें आती हैं। इसलिए इस गिरावट के लिए पत्रकार नहीं बल्कि बाजारवाद जिम्मेवार है। उन्होंने अपने साथ घटी एक घटना का जिक्र भी किया जिसमें एक खबर लिखने  के कारण उन्हें झूठे मुकदमे में फसाए जाने पर खुद अखबार का एडिटर भी हाथ खड़े कर गया था। इस मौके पर उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार चंद्रशेखर धरनी को सुनार की भट्टी में तपकर और हजारों मुश्किलों का सामना करने के बाद एक आदर्श बनने और आत्मसम्मान से जीवन जीने वाला शख्स बताया।
हजारो आंधी – तूफानों के बीच खड़े वटवृक्ष से सीख लेने की जरूरत : इरिविन खन्ना।
विशिष्ठ अतिथि दैनिक उत्तम हिंदु के प्रधान संपादक इरिविन खन्ना ने पत्रकारों को वटवृक्ष की तरह मजबूत बनने और संघर्ष करने की बात कहते हुए कहा कि हजारों आंधियों – तूफानों के बीच वटवृक्ष मजबूती से संघर्ष करता है और अधिक मजबूत होकर अपने को विशाल बनाता है. वही गमले में लगा फूल का पौधा थोड़ी सी हवा में उखड़ जाता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार बनने के लिए किसी ने जवाब नहीं दिया। समाज की बुराइयों से आहत होकर इस फील्ड को हमने खुद सुना है। इसलिए स्वार्थ की विचारधारा को एक तरफ रख कर हम फील्ड में आए हैं और हमने आत्मसम्मान का रास्ता चुनना है। भौतिक सुविधाओं के लिए अपने विचारों को कभी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
हरियाणा- पंजाब- चंडीगढ़- हिमाचल के पत्रकारों के सामने खड़ी है एक बड़ी चुनौती : ज्ञानेन्द्र भरतरिया।
मुख्य वक्ता-प्रसार भारती के सलाहकार ज्ञानेन्द्र भरतरिया ने मंच से प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री बारे कहा कि भाजपा के पिछले कार्यकाल के दौरान जिस प्रकार से विज ने अचानक रोहतक पीजीआई में पहुंचे रेड की और इनके इस अंदाज के कारण जिस प्रकार से आज पीजीआई में सुधार नजर आए हैं, इसी प्रकार से हमें भी चुनौतियों का सामना करना होगा। आज हरियाणा- पंजाब- चंडीगढ़- हिमाचल के पत्रकारों के सामने एक बड़ी चुनौती है। एक फौजी देश को बचाने के लिए अपना सब कुछ भूल कर लड़ाई लड़ता है, वही पत्रकार भी अपनी चुनौतियों और अस्तित्व की बिना परवाह किये रोजाना दर्जनों मुश्किलों का सामना करता है। एसोसिएशन के कार्यों और भविष्य की योजनाओं की तारीफ करते हुए कहा कि पत्रकारों की लड़ाई के लिए भी इस प्रकार के कदम उठाए जाने बेहद जरूरी बन गए हैं।
महान पत्रकार लाला जगत नारायण जैसी निर्भीक और सच्ची पत्रकारिता करना, आज के वक्त की जरूरत : विज।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के ग्रह स्वास्थ्य एवं तकनीकी मंत्री अनिल विज ने एसोसिएशन के लिए मुबारकबाद देते हुए कहा कि वेल बींग नाम  लेने और सुनने से ही सकारात्मकता  महसूस होती है। आजादी के बाद देश निर्माताओं ने प्रजातांत्रिक व्यवस्था को चुना। जिसमें चौथा स्तंभ मीडिया का किरदार भी बाकी तीनों स्तंभों से कम नहीं है। सभी स्तंभों की एक समान जिम्मेदारी और मापदंड हैं और इन्हीं पर शासन पद्धति टिकी हुई है। लेकिन प्रजातांत्रिक व्यवस्था में भाजपा जैसी कुछ राजनीतिक पार्टियां प्रजातांत्रिक रूप से कार्य कर रही है, वहीं कुछ पारिवारिक और कुछ देश को लूटने के लिए गैंड टाइप की पार्टियां भी मौजूद है, जिससे प्रजातांत्रिक ढांचा हिल रहा है। इस प्रकार की पार्टियां सत्ता में आने के बाद अधिक से अधिक तानाशाही रवैया अपनाकर सरकार चलाती हैं। राजीव गांधी जैसे लोगों द्वारा राजनीतिक सूझबूझ की कमी के कारण कुछ फैसले इस प्रकार के लिए गए जिससे एक बीमारी का इलाज हुआ लेकिन 50 पैदा हुई। दल बदल कानून भी इसी प्रकार का एक फैसला साबित हुआ। इसी कानून के कारण आज लोगों की आवाज सरकार तक नहीं पहुंच पाती। उससे पहले मुख्यमंत्री विधायकों से पूछे बिना नहीं सोता था और आज अपनी विचारधारा  अलग होने  या किसी बात पर एतराज होने के बावजूद विधायकों को विहिप जारी होने के कारण सहमति देनी मजबूरी है। लेकिन पत्रकार प्रजातंत्र के प्रहरी है और पत्रकार के हाथ में ऐसी छढ़ी है जिससे सभी डरते भी हैं। इसलिए प्रजातंत्र को मजबूत करने और प्रजातांत्रिक व्यवस्था को सफलतापूर्वक चलाने के लिए सबसे बड़ी भूमिका पत्रकार समाज की बन चुकी है। विपक्षी और सत्तापक्ष पार्टी के नेता एक हो सकते हैं। किसी बात को दबाने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में पत्रकार की भूमिका और बढ़ जाती है। यह सच्चाई लोगों तक पहुंचाने का दायित्व आपका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष कुछ भी कहे सच्चाई आपको दिखानी होगी। हर व्यक्ति हर जगह मौजूद नहीं हो सकता, लेकिन आप के सूत्र और तंत्र इतने मजबूत है कि आप पूरा निचोड़ निकाल कर सामने रखते हैं। आपकी निर्भीकता निष्पक्षता के कारण ही बड़े मामले उजागर हुए हैं। इमरजेंसी के वक्त समाचार पत्रों में से खबरें काटकर आगे भेजी जाती थी। हालात इतने बुरे थे कि पंजाब केसरी प्रेस की लाइट तक काट दी गई। लेकिन पत्रकारिता और देशभक्ति का सही दायित्व निभाते हुए देश के महान पत्रकार और देश की पत्रकारिता की रीड की हड्डी लाला जगत नारायण ने सरकार का दबाव ना मानते हुए सरकार की घटिया और तानाशाही सोच को समाचार पत्र के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया और सरकार की अतिक्रमणकारी नीति को कुचलने में मदद की। इसी प्रकार से आज पत्रकारों को भूमिका निभानी होगी। पक्ष और विपक्ष अपने हितों के लिए कुछ भी कहे, लेकिन उसके पोस्टमार्टम का दायित्व पत्रकारों को निभाना होगा। अच्छे को अच्छा और बुरे को बुरा लिखना होगा। कुछ समाचार पत्र अपने निजी हितों और संबंधों के चलते एक तरफ की बात करते हैं। लेकिन सच्चाई दिखाने वाला संस्थान और पत्रकार ही लोकप्रियता हासिल करता है। उन्होंने एसोसिएशन की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि ईमानदारी से की गई पत्रकारिता कि आज देश को जरूरत है। लोकतंत्र को जिंदा रखने में एक अहम भूमिका निभानी होगी।
दिल की बात बोलता हूं ज्यादा बेशक बोलता हूं लेकिन इसी बात के लिए मशहूर भी हूं : विज।
पार्टी ने जहां खड़ा किया, मैने वहीं खड़ा होकर छक्के मारे और आगे भी बहुत से छकके मारूंगा : विज।
इस मौके पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि मैं ज्यादा बेशक बोल गया हूं। लेकिन मैं इसी बात के लिए मशहूर भी हूं जो दिल में होता है वही जुबान से बोलता हूं। अपनी जिंदगी में कभी किसी से कुछ नहीं मांगा। जब लोग टिकट के लिए जद्दोजहद में थे, तब मेरी जद्दोजहद टिकट मुझे ना दी जाए इसकी थी। मैं टिकट ना लेने के लिए संघर्ष कर रहा था।1970 और 71 से भाजपा से जुड़ा और विद्यार्थी परिषद के लिए काम किया। मुझे जबरदस्ती लीडरशिप ने टिकट थमा दिया। मेरी नौकरी छुड़वा दी। मुझे चुनाव जितवाया। पार्टी ने जहां मुझे खड़ा किया मैंने हमेशा वहीं खड़ा होकर छक्के मारे और आगे आने वाले समय में भी बहुत से छकके मारूंगा। उन्होंने एसोसिएशन की कार्यशैली की सराहना करते हुए 20 लाख रूपये अपने निजी फंड से देने की भी घोषणा की। उन्होंने एसोसिएशन द्वारा सौंपे गए मांग पत्र पर बोलते हुए कहा कि उनसे अच्छा वकील पूरे हिंदुस्तान में नहीं मिल सकता और वह पत्रकारों की इस लड़ाई में उनके साथ हैं और पूरे जोर-शोर से सरकार से उनकी वकालत करेंगे।
पत्रकारों के सामने खड़ी चुनोतियों को देखते हुए एसोसिएशन ने विज को सौंपा मांगपत्र।
विज ने कहा तुम्हारी वकालत ऐसी करूँगा कि मुझसे अच्छा वकील पूरे हिंदुस्तान में नहीं मिलेगा।एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष  वरिष्ठ पत्रकार  चंद्रशेखर धरनी ने मीडिया वेल्डिंग एसोसिएशन की तरफ सेमांग पत्र  भी सौंपा। जिसमें चंडीगढ़ की तर्ज पर पंचकूला हरियाणा में प्रेस भवन बनाने के लिए एक कैनाल का प्लॉट सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाने, हरियाणा प्रेस एकरा डिशन व प्रेस रिलेशन कमेटियों का गठन जल्द करने, विभिन्न जिलों में पत्रकारों के लिए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के अंदर 5 फ़ीसदी कोटा सरकारी आवासीय सुविधाओं में आरक्षित करने, हरियाणा में कार्यरत पत्रकारों के बच्चों के लिए विभिन्न शैक्षणिक, टेक्निकल एजुकेशन, मेडिकल एजुकेशन व अन्य संस्थानों में 5 फ़ीसदी कोटा आरक्षित करने व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग- हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन के माध्यम से होने वाली भर्तियों में पत्रकारों के बच्चों के लिए 5 फ़ीसदी कोटा आरक्षित करने, हरियाणा के सभी सरकारी अस्पतालों में  पत्रकारों व उनके परिवारों को मेडिकल सुविधा, सभी टेस्ट फ्री करने, पत्रकारों के लिए  पेंशन पात्रता की उम्र 60 से घटाकर 56 करने तथा पेंशन 10000 से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रति माह  करने की मांग की। 

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