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अत्याचार के विरोध व पीड़ितों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय दिवस का आयोजन।
कुरुक्षेत्र, 28 जून : शिक्षा जगत से जुड़े डा. अशोक गर्ग ने कहा कि समाज में चाहे कितना भी परिवर्तन हो ले लेकिन अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी आधुनिकता के बावजूद मानसिक और शारीरिक अत्याचार होता देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि हर साल यातना पीड़ितों के समर्थन में अत्याचार को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव यातना के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है कि यह न केवल अस्वीकार्य है बल्कि यह एक अपराध भी है। डा. गर्ग ने कहा कि भारतीय परम्पराओं और संस्कारों के अनुसार तो इसे पाप कहा जाता है। डा. अशोक गर्ग ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 दिसम्बर 1997 को 52/149 प्रस्ताव को पारित किया और हर साल अत्याचार को ख़त्म करने, अत्याचार, अन्य क्रूर अमानवीय या अपमानजनक सजा के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया। इस के लिए शिक्षक वर्ग को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। डा. अशोक गर्ग ने बताया कि दुनिया भर के कई देशों में लगभग 100 संगठन हर साल घटनाओं, समारोहों और अभियानों के साथ इस दिन को चिह्नित करते हैं।
डा. अशोक गर्ग जानकारी देते हुए।