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नस्ल सुधार के लिए सवा दो लाख में बिकी गायें।
हिंदवान निवासी सुनील कुमार ने दो बेसहारा गायों की कई वर्षों तक की सेवा, देने लगी 20 से 22 लीटर दूध।
गाय की सेवा कभी निष्फल नहीं जाती : सुखदेवानंद महाराज।
हिसार 29 मई :- बिना फल की इच्छा के किया परिश्रम व सेवा का फल अवश्य मिलता है। इसलिए हमें नि:स्वार्थ भावना से सेवा कार्य करने चहिएं। निकटवर्ती गांव हिंदवान के विनवासी सुनील कुमार पुत्र राम प्रसाद गौसेवार्थ आश्रम हिंदवान प्रधान ने दो बेसहारा गौमाता की निस्वार्थ भावना से सेवा की। देशी नस्ल की इन गायों की खूब सेवा का फल यह हुआ कि एक गाय ने दोनों समय का 20 लीटर दूध और दूसरी गाय ने 22 लीटर दूध देना प्रारंभ कर दिया जो कि अविश्वसनीय सा लगता है। सुनील कुमार द्वारा की गायों की सेवा और गायों द्वारा इतनी मात्रा में दूध का फल देना पूरे गांव में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने दोनों गायों की लगभग तीन वर्ष तक खूब मन लगाकर सेवा की। सुनील कुमार द्वारा पाली गई गऊएं दूध प्रतियोगिता में दो बार पुरस्कृत भी हो चुकी हैं। ये गाय तीन बार ब्याह चुकी हैं।
गायों की चर्चा सुनकर हरिता गांव के राजेश कुमार ढाण्डा ने नस्ल सुधार के लिए श्रीश्री 108 श्री सुखदेवानंद महाराज व रणधीर सिंह की सानिध्य में इन दोनों गायों को सवा दो लाख रुपये में खरीदा है। इस मौके पर स्वामी सुखदेवानंद महाराज ने फरमाया कि गऊमाता की सेवा कभी भी निष्फल नहीं होती। आज भी यदि सभी बेसहारा गऊओं को लोग पालना शुरू कर दें तो गौमाता को तो आश्रय मिलेगा ही गोमाता गोपालक के घर को दूध, घी व पंचामृत से भर देंगी। हमें हर घर में गाय को पुन: पालना शुरू करके हिन्दू संस्कृति में खोई गऊ माता की पहचान को वापिस दिलाना चाहिए।
गायों के साथ सुनील कुमार।